बस्तर में धन और हथियारों की कमी से जूझ रहे नक्सली

  •  पुलिस की सक्रियता, दबाव एवं धरपकड़ से नक्सलवाद की टूटी कमर

जगदलपुर। बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस द्वारा निरंतर नक्सलियों पर दबाव बनाया जा रहा है, जिसके कारण नक्सलियों को किसी एक स्थान पर रूकने का समय ही नहीं मिलता है। साथ ही उन्हें अपनी आवश्यकता की सामग्री और हथियार भी मिलने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। ्र
जानकारी के अनुसार नक्सलियों के पास हथियारों व गोला-बारूद की भारी कमी हो गई है और नक्सलियों का दरभा क्षेत्र में सक्रिय दलम इन दिनों इसकी भारी आर्थिक कमी से जूझ रहा था। इस बात का खुलासा करते हुये पुलिस के सूत्र बताते हैं कि अब नक्सली पुलिस के साथ लंबी लड़ाई लडऩे के बजाय मुठभेड़ स्थल से तुरंत ही भाग जाने की रणनीति अपना रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों नक्सलियों के एक कैंप से हथियारों के विवरण संबंधी दस्तावेज से यह सामने आया कि मलांगिर एरिया कमेटी में मात्र 18 हथियार ही शेष रहे हैं। इस कमेटी के पास एक भी एके 47 नहीं है, जबकि इंसास और एसएलआर की संख्या भी मात्र एक-एक है। इस प्रकार पुलिस की जंगलों में की जा रही सर्चिंग और नक्सलियों के कैंपों को निशाना बनाने की रणनीति सफल हो रही है। अब नक्सलियों को अपनी जान बचाने के लिए भी इधर-उधर भागना पड़ रहा है।
बस्तर आईजी विवेकानंद सिंहा ने बताया कि कोंडेरास मुठभेड़ के बाद जो दस्तावेज मिले हैं, उन्हीं में से एक में हथियारों का विवरण है। इसके अनुसार दरभा डिविजन के पास केवल 106 हथियार शेष रह गये हैं और आये दिन होने वाली मुठभेड़ों में नक्सली अधिक देर तक नहीं टिक पा रहे हैं। इसका कारण यही है कि इनके पास हथियार व कारतूस आदि की भारी कमी है।

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