महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों के आईईडी ब्लास्ट में 15 जवान शहीद
गढ़चिरौली/राजनांदगांव। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में कमांडो टीम पर नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में 15 जवान शहीद हो गए। गढ़चिरौली में यह धमाका घने जंगलों के बीच हुआ है। घटना के वक्त सी 60 कमांडो की यूनिट का दस्ता वहां से गुजर रहा था। इसी दौरान नक्सलियों ने घात लगाकर आईईडी ब्लास्ट किया। फिलहाल घटनास्थल पर पुलिस और नक्सलियों के बीच फायरिंग चल रही है। इससे पहले महाराष्ट्र दिवस के मौके पर गढ़चिरौली में ही नक्सलियों ने निजी ठेकेदारों के तीन दर्जन वाहनों को आग लगा दी।
नक्सलियों ने गढ़चिरौली के कुरखेड़ा में आईईडी ब्लास्ट किया। कमांडो की गाड़ी में 16 जवान सवार थे। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में शांति पूर्ण और बढ़-चढ़कर हो रहे मतदान से नक्सली भड़के हुए थे, जिसके चलते उन्होंने आईईडी ब्लास्ट को अंजाम दिया। बुधवार को ही गढ़चिरौली के कुरखेड़ा में नक्सलियों ने निजी ठेकेदारों के कम से कम तीन दर्जन वाहनों में आग लगा दी। यह घटना सुबह उस वक्त घटी जब राज्य का स्थापना दिवस ‘महाराष्ट्र दिवस मनाने की तैयारी की जा रही थी।
कौन हैं सी-60 कमांडो
नक्सल खतरों को ध्यान में रखते हुए 1992 में सी-60 फोर्स तैयार की गई थी। इसमें पुलिस फोर्स के 60 जवान शामिल होते हैं। यह काम गढ़चिरौली के तब से एसपी के.पी. रघुवंशी ने किया था। सी-60 में शामिल पुलिसवालों को गुरिल्ला युद्ध के लिए भी तैयार किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, बिहार और नागपुर में होती है। इस फोर्स को महाराष्ट्र की उत्कृष्ट फोर्स माना जाता है। रोजाना सुबह खुफिया जानकारी के आधार पर यह फोर्स आसपास के क्षेत्र में ऑपरेशन को अंजाम देती है। सी-60 के जवान अपने साथ करीब 15 किलो का भार लेकर चलते हैं, जिसमें हथियार के अलावा, खाना, पानी, फस्र्ट ऐड और बाकी सामान शामिल होता है।
तीन दर्जन से अधिक वाहन जलाए
इधर, नक्सली पिछले साल 22 अप्रैल के दिन सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए अपने 40 साथियों की मौत की पहली बरसी मनाने के लिए एक सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शन के अंतिम चरण में थे। गढ़चिरौली में ही जिन वाहनों को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया, उनमें से ज्यादातर अमर इंफास्ट्रक्चर लिमिटेड के थे, जो दादापुर गांव के पास एन एच 136 के पुरादा-येरकाड सेक्टर के लिए निर्माण कार्यों में लगे थे।
नक्सलियों ने गाडिय़ों में लगा दी थी आग
घटनास्थल से भागने से पहले नक्सलियों ने पिछले साल अपने साथियों की हत्या की निंदा करते हुए पोस्टर और बैनर भी लगाए। नक्सलियों ने जाने से पहले दो जेसीबी, 11 टिप्पर, डीजल और पेट्रोल टैंकर्स, रोलर्स, जेनरेटर वैन और दो स्थानीय कार्यालयों को भी आग के हवाले कर दिया।