Naxal Free India : बस्तर में बदलते हालात, तोखन साहू ने गिनाई विकास योजनाएँ

Naxal Free India : बस्तर में बदलते हालात, तोखन साहू ने गिनाई विकास योजनाएँ

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Naxal Free India : केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि बस्तर की धरती, जो कभी नक्सल हिंसा की पहचान थी, अब विकास और समृद्धि की नई कहानियाँ लिख रही है। गाँव-गाँव में पक्की सड़कें, स्वच्छता और शिक्षा की पहुँच बढ़ रही है, महिलाएँ उज्ज्वला योजना से धुएँ से मुक्ति पा रही हैं और हर गरीब परिवार तक पक्के मकान का सपना साकार हो रहा है। यही बदले हुए हालात अब नये भारत की तस्वीर गढ़ रहे हैं।

पत्र सूचना कार्यालय, रायपुर, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सुकमा में “नक्सल मुक्त भारत : समृद्धि और एकता की राह” विषय पर आयोजित वार्तालाप (कार्यशाला) में साहू ने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त करना है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद केवल कानून-व्यवस्था की चुनौती नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन और विकास की कमी से जुड़ा हुआ विषय है। इसी दृष्टि से सरकार (Naxal Free India) ने “पुनर्वास और आत्मसमर्पण नीति 2025” लागू की है, जिसके तहत हिंसा का रास्ता छोड़ने वालों को आर्थिक सहायता, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा से जोड़ा जा रहा है।

विकास और सुरक्षा का संयुक्त मॉडल

साहू ने कहा कि यह केवल सुरक्षा का नहीं, बल्कि समग्र विकास का दूरदर्शी मॉडल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेज़ गति से सतत और समग्र विकास की दिशा में बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना से हर गरीब को पक्का मकान, स्वच्छ भारत अभियान से हर गाँव को साफ-सफाई और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (Naxal Free India) से माताओं-बहनों को धुएँ से मुक्ति मिल रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा लिया गया नक्सल मुक्त भारत का संकल्प केवल घोषणा नहीं, बल्कि ठोस रणनीति और निरंतर कार्रवाई का हिस्सा है। बस्तर सहित प्रभावित क्षेत्रों में अधिक से अधिक कैंप स्थापित किए जा रहे हैं ताकि सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएँ सीधे ग्रामीणों तक पहुँचे।

इस अवसर पर बस्तर के सांसद महेश कश्यप ने कहा कि नक्सलवाद ने लंबे समय तक क्षेत्र के विकास को बाधित किया, लेकिन अब हालात तेजी से बदल रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने दुर्गम गाँवों को जोड़कर शिक्षा, स्वास्थ्य और बाज़ार तक पहुँच आसान बना दी है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों की कड़ी कार्रवाई से नक्सली संगठन बिखर रहे हैं और आने वाले समय में बस्तर भय और हिंसा की नहीं, बल्कि शांति, प्रगति और आत्मनिर्भरता की पहचान बनेगा।

धरती आबा अभियान से आदिवासी गाँवों में नई ऊर्जा

कश्यप ने बताया कि सरकार गाँव-गाँव तक बुनियादी सुविधाओं के साथ डिजिटल कनेक्टिविटी, कौशल विकास और आधुनिक कृषि तकनीक पहुँचाने पर काम कर रही है। हाल ही में शुरू “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” लगभग 80,000 करोड़ रुपये की लागत से 63,000 जनजातीय गाँवों का समग्र विकास सुनिश्चित करेगा और पाँच करोड़ से अधिक आदिवासी भाई-बहनों को सीधा लाभ पहुँचाएगा।

पत्रकारों से संवाद और सुझावों पर आश्वासन

कार्यक्रम के दौरान मंत्री तोखन साहू ने उपस्थित पत्रकारों से संवाद भी किया। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज की आवाज़ और जनता की नब्ज़ समझने का माध्यम हैं, इसलिए उनके सवाल और सुझाव सरकार (Naxal Free India) की नीतियों और योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। साहू ने आश्वासन दिया कि कार्यक्रम में उठाए गए मुद्दों और सुझावों को गंभीरता से केंद्र सरकार तक पहुँचाया जाएगा। उन्होंने पत्रकारों से आग्रह किया कि वे सरकार की विकास योजनाओं और सकारात्मक बदलावों की जानकारी आम जनता तक अधिक से अधिक पहुँचाएँ, ताकि लोग उनका लाभ उठा सकें और नई पीढ़ी को हिंसा के रास्ते से दूर रखकर शिक्षा, विकास और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया जा सके।

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