अरमानों को लगे पंख, सुकमा के नक्सल प्रभावित गांव मोरपल्ली में बना पक्का स्कूल भवन
-अब नवीन स्कूल भवन मेें शिक्षा हासिल करेंगे बच्चे
-इंटरनेट की सुविधा भी सुलभ हुई मोरपल्ली वासियों को
रायपुर/नवप्रदेश। Morpalli of Sukma: दुनिया फोर जी से फाइव जी जनरेशन की ओर बढ़ चुकी है, लेकिन विकासशील भारतवर्ष में कई इलाके आज भी ऐसे है, जहां इंटरनेट, वाट्सअप, वीडियो कॉल जैसी बातें मानों तारों से बातें करने जैसी हो।
हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के सघन नक्सल प्रभावित सुकमा जिले की, जिसकी पहचान कल तक एक घुप्प अंधेरे से बढ़कर कुछ नहीं थी, लेकिन बदलती सोच, शासन-प्रशासन की सक्रियता और सुरक्षा बलों के प्रयासों ने सुकमा के इस काले अंधेरे को हटाकर, इस जिले की तस्वीर और तकदीर बदलने में कामयाब हो रही है।
स्कूली बच्चों को अरमानों को लगे पंख
बुधवार का दिन मोरपल्ली वासियों के लिए खास था। वजह थी नवनिर्मित स्कूल बिल्डिंग का लोकार्पण, जिसकी सौगात कलेक्टर ने वर्चुअली दी। पक्की छत पाकर मानों बच्चों के साथ ग्रामीणों के अरमानों को पंख लगे हो। गांव में जैसे जश्न का माहौल था, ढोल की थाप पर बच्चे, जवान और बूढ़े हर कोई थिरकता रहा। यह जोश, उल्लास, उत्सव मानों मोरपल्ली गांव का स्वर्णिम भविष्य को बयां कर रहा हो।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सुकमा जिला मुख्यालय से लगभग 58 किमी दूर मोरपल्ली गांव में विकास की इबारत लिखी गई है। यहां सलवा जुडूम के दौर में बंद पड़े प्राईमरी स्कूल का ना सिर्फ पुन: संचालन शुरू हुआ बल्कि झोपड़ी में शिक्षा ग्रहण करने की मजबूरी से भी बच्चों को मुक्ति मिली है।
करीब डेढ़ दशक बाद मोरपल्ली में पक्का स्कूल भवन का सपना साकार है। इतना ही नहीं शिक्षा में हुई प्रगति के साथ-साथ यह गांव अब संचार सेवा से भी जुड़ गया है। जिसकी बदौलत अब कमोवेश हर हाथ में एंड्राईड फोन है। इंटरनेट की बदौलत ग्रामीण आधुनिकमा से रूबरू हो रहे हैं।
स्कूली बच्चों को अरमानों को लगे पंख
पहली बार मोबाईल पर वीडियो कॉल देख ग्रामीणों में गजब का उत्साह और गांव में स्कूल के पुन: प्रारंभ होने की खुशी थी। इसी दौरन गांव में मोबाइल की घंटी बजना भी सभी के लिए सुखद आश्चर्य था। वीडियो कॉल पर बातें करना ग्रामीणों के लिए मानो चांद-सितारों से बातें करने जैसा था।
साल 2005 से 2010 के दरमियान मोरपल्ली गांव सलवा जुडूम और नक्सलवाद के बीच वीरान हो चला था, लेकिन समय बलवान और परिवर्तनशील होता है। मोरपल्ली पर छाये मायूसी के बादले छंटने लगे, गांव में स्कूल खुला और चंद महीनों में पक्की स्कूल बिल्डिंग की सौगात भी गांव वालों को मिल गई। जिन्हें सोली-पायली के नाप तौल के आगे कुछ समझ ना हो, उन ग्रामीणों के हाथों में एंड्राईड फोन, इंटरनेट पर चैट से लेकर वीडियो कॉल जैसी सौगातों ने मोरपल्ली के विकास की नई इबारत लिखी है।
सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हरीश कवासी और कलेक्टर श्री विनीत नन्दनवार मोरपल्ली में नवीन स्कूल भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में वर्चुअल रुप से सम्मिलित हुए। उन्होंने ग्रामवासियों और छात्रों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।