नवीन जिन्दल और शालू जिन्दल ने लोगों के धागे से तैयार राष्ट्रीय ध्वज माननीय राष्ट्रपति को भेंट किया
मेरा धागा, मेरा तिरंगा, मेरा देश अभियान ने भारत को एक झंडे के नीचे एकजुट किया
रायपुर। Naveen Jindal and Shalu Jindal presented the national flag prepared from people’s thread to the Honorable President: कुरुक्षेत्र के सांसद और जाने-माने उद्योगपति नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाले फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने “मेरा धागा, मेरा तिरंगा, मेरा देश” अभियान चलाकर पूरे भारत को राष्ट्रीय ध्वज के नीचे एकजुट करने का अनूठा कार्य किया है। यह अभियान 31 अक्टूबर 2024 को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती और राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर शुरू किया गया था, जो सरदार पटेल के एकीकृत भारत के दृष्टिकोण और भारतीय गणतंत्र यानी संविधान लागू होने के 75 साल पूरे होने के अवसर को समर्पित है।
इस अभियान के तहत देशवासियों से उन चार रंगों के धागे मंगाए गए, जिससे गौरव और देशभक्ति का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज तैयार किया जा सके। जैसा कि हमें पता है, भारत की “विविधता में एकता” का जीवंत प्रतीक हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है, इस पहल का उद्देश्य राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देना, नागरिकों को तिरंगे के महत्व के बारे में शिक्षित करना और सामूहिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना था, जिससे करोड़ों लोग राष्ट्रीय ध्वज के नीचे एकजुट हो सकें।
अभियान के महत्व पर फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नवीन जिन्दल ने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय ध्वज केवल एक प्रतीक नहीं है; यह हमारे राष्ट्र की आत्मा है। तिरंगे के हर धागे में हमारे पूर्वजों की विरासत, कारीगरों का कौशल और अनगिनत पीढिय़ों की भावना है, जिन्होंने भारत के निर्माण में योगदान दिया।” यह अभियान राष्ट्रीय स्तर पर चलाया गया, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों का उपयोग किया गया। सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश को व्यापक रूप से प्रचारित किया गया, जबकि कुरुक्षेत्र गीता महोत्सव जैसे ऑफलाइन कार्यक्रमों के माध्यम से उन नागरिकों को सीधे इस अभियान से जोड़ा गया, जो धागा संग्रह अभियान में योगदान करना चाहते थे। 25 दिसंबर 2024 तक इस अभियान को देशभर से दिल छू लेने समर्थन मिला।
इन धागों को पानीपत की एक अत्याधुनिक टेक्सटाइल रिसाइक्लिंग सुविधा में यार्न में परिवर्तित किया गया। हर धागे को परंपरा और नवाचार के मिश्रण के साथ सावधानीपूर्वक प्रसंस्कृत किया गया, जिससे 20 किलोग्राम एकीकृत यार्न बनाया गया। इस यार्न को भारत की विविध कपड़ा परंपराओं, जैसे संबलपुरी, महेश्वरी और पोचमपल्ली इकत बुनाई में महारत रखने वाले बुनकरों ने तिरंगे में बुना।
फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया की उपाध्यक्ष, श्रीमती शालू जिन्दल ने अभियान के प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा, “धागे से झंडा बनाने की यात्रा केवल कपड़ा बुनने की नहीं थी; यह कहानियां बुनने की थी — दृढ़ता, विरासत और एकता की कहानियां। हर धागा हमारे समुदाय, परंपराओं और उन आदर्शों की भावना को समेटे हुए है, जिनका तिरंगा प्रतिनिधित्व करता है।”
“मेरा धागा, मेरा तिरंगा, मेरा देश” अभियान का समापन एक भव्य 12 & 8 फीट के भारतीय तिरंगे के निर्माण के साथ हुआ, जो राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।
यह नया राष्ट्रीय ध्वज, जो भारत की दृढ़ता, एकता और समृद्ध परंपराओं को दर्शाता है, भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को भेंट किया गया। राष्ट्रपति को यह ध्वज भेंट करना इस अभियान और राष्ट्रीय ध्वज के महत्व को दर्शाता है। यह तिरंगा एक आधिकारिक अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा फहराया जाएगा, जो राष्ट्रीय गौरव और उत्सव का क्षण होगा।
फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री नवीन जिंदल ने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह तिरंगा, जो प्रेम और समर्पण के साथ बनाया गया है, पहले से भी ऊंचा लहराएगा और सभी भारतीयों को इसके मूल्यों और आदर्शों को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।”