नरवा, गरुवा, घुरवा छत्तीसगढ़ ने सही नब्ज पर रखा हाथ : मृणाल पांडे
- कहा-गांव की सुध लिए बिना न पत्रकारिता चल सकती है, न ही राजनीति
- गांधी जी की सुराजी सोच पर आगे बढ़ रही छत्तीसगढ़ सरकार
रायपुर/ नव प्रदेश। नव प्रदेश (nav pradesh 8th anniversary) के स्थापना दिवस पर प्रमुख वक्ता के तौर पर अपने उद्बोधन में मशहूर पत्रकार मृणाल पांडेय (mrinal pandey) ने ‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था से मजबूत होता छत्तीसगढ़’ पर अपने विचार रखे। उन्होंने इस दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
पांडे ने (mrinal pandey) कहा कि गांव की सुध लिए बिना न तो पत्रकारिता चल सकती है न ही राजनीति। मुझे ये जानकर हर्ष है कि नरवा, गरुवा, घुरवा बारी के सहारे छत्तीसगढ़ ने सही नब्ज पर हाथ रखा है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जहां सुराजी सोच पीछे छूटते जा रही है, वहीं छत्तीसगढ़ सरकार इसी सोच को लेकर काम कर रही है, जिससे प्रदेश की आर्थिक समृद्धि के रूप में अप्रत्याशित सफलता भी मिल रही है।
गांधीजी के बाद गांवों को केंद्र में रखकर कभी गंभीर राजनीति की ही नहीं गई। लेकिन यह अपने आप में प्रशंसनीय है कि गांधी जी की सुराजी सोच को केंद्र में रखकर छत्तीसगढ़ सरकार काम कर रही है।
हमारी सनातन प्राथमिकताएं गांव, ग्रामीण व खेती-बाड़ी ही
पांडे ने कहा कि हमारी प्राथमिकता सनातन प्राथमिकताएं गांव, ग्रामीण, खेती-बाड़ी ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं यह बात किसी वामपंथी सोच के कारण नहीं कह रही हूं, बल्कि विशुद्ध अनुभव दग्ध के रूप में कह रही हूं।
वामपंथी व बुद्धिजीवि शब्द आज गाली बना दिए गए हैं।’ उन्होंने कहा कि गांधी जी ने भी विदेश से लौटकर जन-जन तक पहुंचने के लिए पत्रकारिता को हथियार बनाया था। इसके केंद्र में गांव, ग्रामीण व सुराजी सोच ही रही थी। हिंदी पत्रकारिता का भी सुराजी सोच के साथ गहरा रिश्ता है। उन्होंने नव प्रदेश (nav pradesh 8th anniversary) में संपूर्ण छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों की एक साथ दी जाने वाली खबरों को लेकर अखबार की सराहना भी की।