National Highway Solar Project : अब राष्ट्रीय राजमार्ग बनेंगे स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के केंद्र
National Highway Solar Project
राष्ट्रीय राजमार्ग अब केवल यातायात के मार्ग नहीं रहेंगे, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन (National Highway Solar Project) के केंद्र के रूप में विकसित किए जाएंगे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) देश में पहली बार किसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की तैयारी कर रहा है। यह महत्वाकांक्षी पायलट परियोजना दिल्ली-सहारनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुरू की जाएगी। तकनीकी सहायता के लिए NHAI भारतीय सौर ऊर्जा निगम के साथ करार करेगा। परियोजना के सफल होने पर इसे देश के अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी लागू किया जाएगा।
यह राष्ट्रीय राजमार्ग (Bharatmala Project) भारतमाला परियोजना के तहत बना है। दिल्ली की सीमा में एनएच-09 अक्षरधाम मंदिर से लोनी बार्डर तक 14.5 किलोमीटर का खंड पूरी तरह तैयार है, जिसमें 6.5 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड है। इसी खंड पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत चार मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र (Solar Energy Plant on Highway) स्थापित किया जाएगा। सोलर पैनल राजमार्ग के किनारों और एलिवेटेड हिस्से की साइड वॉल पर लगाए जाएंगे। परियोजना का आर्थिक और व्यवहार्यता अध्ययन पहले ही पूरा किया जा चुका है।
संयंत्र से उत्पन्न बिजली ग्रिड के माध्यम से बेची जाएगी, जिससे NHAI को अतिरिक्त आय (Renewable Energy Revenue Model) का स्रोत मिलेगा। इस बिजली से राजमार्ग के रखरखाव और भविष्य की परियोजनाओं के वित्तपोषण में मदद मिलेगी। साथ ही यह पहल कार्बन उत्सर्जन में कमी और हरित ऊर्जा (Green Energy Initiative) को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
एनएचएआइ के अधिकारियों के अनुसार, अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो इसे 239 किलोमीटर लंबे दिल्ली-सहारनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के शेष हिस्सों तक विस्तारित किया जाएगा। इससे 32 से 38 मेगावाट तक बिजली उत्पादन संभव होगा। यह कदम न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता (Energy Independence through Solar Highway) की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा बल्कि सड़क अवसंरचना और पर्यावरण संरक्षण का एक अनोखा संगम भी स्थापित करेगा।
प्रति मेगावाट चार करोड़ रुपये की लागत
सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना में प्रति मेगावाट चार करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। अधिकारियों के अनुसार, चार मेगावाट संयंत्र पर लगभग 16 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह लागत पांच से छह वर्ष के भीतर बिजली बिक्री से वसूल की जा सकेगी।
देश के 1.46 लाख किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों पर नया मॉडल
देश में राष्ट्रीय राजमार्गों (Indian Highway Network) का नेटवर्क 1.46 लाख किलोमीटर लंबा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना प्रधानमंत्री की ग्रीन एनर्जी और नेट-जीरो उत्सर्जन नीति (Green Energy & Net Zero Emission Policy) को गति देने में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगी। इस परियोजना के माध्यम से देश स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के साथ सतत विकास की नई दिशा में अग्रसर होगा।
