National Cooperative Institute : समग्र भारत देश में सहकारिता लाने राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना

National Cooperative Institute
National Cooperative Institute : भारत के लोकतंत्र को और सुदृढ़ बनाने तथा पारदर्शी कार्यप्रणाली के माध्यम से सहकारी गतिविधियों के जरिए किसानों समेत समाज के अंतिम व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराने और उन्हें केंद्र एवं राज्य सरकारों की विभिन्न सहकारी योजनाओं का सीधा लाभ दिलाने के उद्देश्य से (National Cooperative Institute) की स्थापना की गई है। इस संस्था का गठन देशभर में सहकारिता और पंचायती राज क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले भरत गाजीपरा के नेतृत्व में किया गया। सम्पूर्ण भारत के लिए पंजीकृत इस संस्थान का गठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में सहकारी क्षेत्र को प्राथमिकता देने की नीति के अनुरूप हुआ है। नीति आयोग ने भी इस राष्ट्रीय स्तर की पंजीकृत संस्था की संबद्धता को मंजूरी प्रदान की है।
संस्थान का मुख्य उद्देश्य सहकारिता के क्षेत्र में (Training and Research) करना, नीति निर्माण करना, विभिन्न सहकारी संस्थाओं को आपस में जोड़ना और उन्हें एक-दूसरे के लिए उपयोगी बनाना है। यह संस्था भारत ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर भी सहकारिता के क्षेत्र में मजबूत पहचान बनाने के लिए आगे बढ़ रही है। संस्था का दृढ़ संकल्प है कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सहकारी मॉडल को एक ऐसी दिशा दी जाए जिससे किसान, मजदूर, महिलाएं और युवाओं को लाभ हो सके।
यह संगठन एक (Multinational Organization) की तरह कार्य करेगा, जो राज्य और केंद्र सरकारों के सहयोग से सहकारी कानून या नीति के अंतर्गत आने वाली सभी इकाइयों को शिक्षा, सुधार, सूचना और मार्गदर्शन प्रदान करेगा। जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक सभी सहकारी इकाइयों के लिए स्वतंत्र राष्ट्रीय परिषद का गठन (National Cooperative Institute) किया जाएगा। इसमें राष्ट्रीय सहकारी फेडरेशन, सिंचाई संघ, विपणन यार्ड, दुग्ध उत्पादक समितियां, आवास समितियां, औद्योगिक संघ, परिवहन संघ, खादी और हस्तशिल्प समितियां सभी शामिल होंगी।
इस राष्ट्रीय संस्था की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें वरिष्ठ अनुभवी लोगों, सेवानिवृत्त सिविल सेवकों और सहकारी क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मार्गदर्शन शामिल होगा। गुजरात राज्य के नेताओं का विशेष सहयोग इस संगठन को प्राप्त है। 50% से अधिक सहकारी संगठनों के निर्वाचित पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी और पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों और सहकारी क्षेत्र के अन्य विशेषज्ञों को भी इस गैर-राजनीतिक संगठन में शामिल किया जाएगा। आने वाले समय में राष्ट्रीय कोर समिति, राष्ट्रीय सलाहकार समिति, महिला समिति और राज्य स्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा।
राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत गाजीपरा सहकारी क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय हैं। वे गुजरात जिला सहकारी बैंक और नागरिक सहकारी बैंक से जुड़े रहे हैं और सहकारी कानून के विशेषज्ञ माने जाते हैं। उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से बार काउंसिल ऑफ गुजरात मुख्यालय का उद्घाटन कराया था। संगठन में अश्विनभाई पटेल, कैलाश गोरे पाटिल, मनीषभाई संघानी, प्रीतिबेन कोटेचा, अमित पांडे, देवईबेन कानगड, अखिलेश जैन, भारतीबेन पटेल, मुकेश सखिया, मंजूनाथ एम. जी., तरुणभाई बारोट, ममता साहू, निपा मेहता, सोनल सावंत, शीतल माली और माधव चौधरी जैसे अनुभवी और ऊर्जावान पदाधिकारी जुड़े हुए हैं। ये सभी सहकारिता, शिक्षा, समाज सेवा और उद्योग क्षेत्र से सक्रिय रूप से जुड़े (National Cooperative Institute) रहे हैं।
इस संस्था का उद्देश्य सहकारी ढांचे को अधिक (Transparency and Accountability) के साथ कार्य करने योग्य बनाना है। इसके लिए दिल्ली और गांधीनगर में अपने प्रशिक्षण भवन स्थापित करने की योजना है। यहां विभिन्न सहकारी संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों, निदेशकों और प्रशासनिक टीमों को विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
संगठन समय-समय पर (Policy Making) में भी सहयोग करेगा और केंद्र व राज्य सरकारों को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद जैसी समस्याओं को खत्म करने के लिए यह संस्था विशेष रूप से प्रशिक्षण और शोध गतिविधियों को प्राथमिकता देगी।
राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं को भी सहकारी क्षेत्र में (Women Empowerment) के माध्यम से अधिक भूमिका देने की योजना है। महिला समितियों का गठन कर ग्रामीण और शहरी महिलाओं को उद्यमिता, स्वरोजगार और बचत योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इसी तरह युवाओं को सहकारी क्षेत्र की नई योजनाओं से जोड़कर उन्हें आधुनिक तकनीक और प्रबंधन की शिक्षा दी जाएगी।
संस्थान का एक और बड़ा लक्ष्य है कि भारत में सहकारी संस्थाओं के बीच (Coordination and Networking) को मजबूत बनाया जाए। इससे विभिन्न सहकारी इकाइयां एक-दूसरे के अनुभवों से सीख सकेंगी और अपनी कार्यप्रणाली को और बेहतर कर सकेंगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत गाजीपरा के अनुसार, संस्था का औपचारिक उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं के हाथों (National Cooperative Institute) शीघ्र किया जाएगा। पूर्व कैबिनेट मंत्री, राज्य सहकारिता मंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस आयोजन में सहयोग देंगे।
यह संगठन आने वाले वर्षों में न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी (Global Cooperative Leadership) प्रदान करने का संकल्प रखता है। संस्था की योजना है कि भारत में सहकारिता मॉडल को विश्व स्तर पर एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया जाए।
अंततः, राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान भारत के सहकारी ढांचे को अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह किसानों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं को (Employment Opportunities) और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगा। यह संस्था भारत के लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर मजबूत करते हुए सहकारिता आंदोलन को नई ऊंचाई प्रदान करेगी।