National Cooperation Policy 2025 : अब गांवों की ताकत से चलेगा भारत – 2047 तक ‘विकसित भारत’ में अहम भूमिका निभाएगी सहकारिता नीति

National Cooperation Policy 2025
‘राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025’ का ऐलान भारत की जड़ों में बसे सहकारिता आंदोलन को नया भविष्य देने की तैयारी है। अब सहकारी संस्थाएं सिर्फ विकल्प नहीं, विकास का शक्तिशाली मॉडल बनेंगी।
National Cooperation Policy 2025 : भारत सरकार ने “राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025” को जारी कर देश की अर्थव्यवस्था में ग्रामीण भागीदारी और सामाजिक न्याय को नया मुकाम देने का संकल्प जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में तैयार इस नीति का उद्देश्य है
“सहकार से समृद्धि” को ज़मीनी हकीकत बनाना
सहकारी संस्थाओं को दूसरे आर्थिक इंजन के रूप में विकसित करना
2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य में सहकारी ढांचे की तीन गुना भागीदारी सुनिश्चित करना

नीति के 6 मुख्य स्तंभ (Strategic Pillars)
नींव का सशक्तीकरण – कानून, पारदर्शिता और संरचनात्मक सुधार
जीवंतता को प्रोत्साहन – आत्मनिर्भर सहकारी व्यापार
भविष्य के लिए तैयार करना – प्रोफेशनल, टेक-सक्षम इकाइयों में रूपांतरण
समावेशिता और पहुंच का विस्तार – महिलाओं, युवाओं, वंचितों की (National Cooperation Policy 2025)भागीदारी
नए क्षेत्रों में विस्तार – कृषि, डेयरी, मत्स्य, जैविक उत्पाद आदि
युवाओं का सहकारिता से जुड़ाव – स्किल, रिसर्च, इनोवेशन और स्टार्टअप

नीति के ज़रिए क्या-क्या होगा
हर पंचायत में PACS, डेयरी और मल्टीपर्पज सोसायटी की स्थापना
सहकारी बैंकों को नई शाखाएं खोलने की अनुमति
जैविक खेती, एफपीओ, ONDC, GeM जैसे नेटवर्क से सीधा जुड़ाव
सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण को स्किल मिशन से जोड़ा जाएगा
UCB और DCCB को सशक्त करने के लिए टेक प्लेटफॉर्म और पूंजी मदद
जीआई टैग, ट्रेडमार्क और ब्रांडिंग के ज़रिए गांव के उत्पादों को ग्लोबल मार्केट(National Cooperation Policy 2025) में पहुंच
गृह मंत्री अमित शाह का विजन
“सहकारिता अब सिर्फ संस्था नहीं, एक जनांदोलन बनेगी – जिससे भारत का हर गांव आत्मनिर्भर होगा।”
क्या ये बदलाव लाएगा ‘कोऑपरेटिव क्रांति’
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस नीति(National Cooperation Policy 2025) को राज्यों के सहयोग से जमीनी स्तर पर लागू किया गया, तो यह भारत की सबसे बड़ी ग्रासरूट आर्थिक क्रांति बन सकती है।