नाग पंचमी 2024: जानिए नाग पंचमी पर बिना कटे, बिना तले हुए प्रसाद के पीछे का कारण!
-9 अगस्त को नाग पंचमी है, उस दिन प्रसाद चढ़ाने के हैं खास नियम
Naag Panchami 2024: चातुर्मास में आने वाले सभी त्यौहार विशेषताओं से भरपूर हैं। इसके पीछे की कहानियां भी दिलचस्प हैं। श्रावण वद्य पंचमी को नाग पंचमी मनाई जाती है। इस साल नाग पंचमी 9 अगस्त को मनाई जाएगी। काटना, भूनना, भुनना आदि नागपंचमी। पूजा के पीछे की मूल अवधारणा क्या है?
जानिए नाग पंचमी (Naag Panchami 2024) के बारे में एक बात हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि इस दिन कुछ भी काटना, भूनना, चूल्हे पर कुछ भी भूनना नहीं चाहिए। किसी के साथ हिंसा न करें, जमीन न खोदें। बरसात के मौसम में ये सभी जगहें नाग-नागिनों की आरामगाह होती हैं। यह नियम एहतियात के तौर पर बनाया गया है ताकि हम अनजाने में उन्हें चोट न पहुँचाएँ। इस सावधानी का पालन मानसून के अंत तक किया जाना चाहिए।
उस दिन एक किसान के लिए छुट्टी की तरह होता है। गृहिणी को खाना पकाने, उगाने और कटाई के दैनिक काम से छुट्टी देने के लिए खाना नहीं बनाना चाहिए या खाना नहीं काटना चाहिए। वह कभी भी अपने लिए छुट्टियां नहीं लेती हैं, इसके पीछे का मूल मकसद उन्हें थोड़ा आराम देना है। इसमें एक पौराणिक कहानी जोड़ी गई है। वह कथा इस प्रकार है।
एक बार एक किसान जमीन जोत रहा था तभी उसके हल का ब्लेड सांप के बिल में घुस गया। इससे उस बिल में मौजूद सांप के बच्चे दबकर मर गये। बाहर से आई नागिनी (Naag Panchami 2024) को अपने चूजों को मरा हुआ देखकर बहुत गुस्सा आया। उसी गुस्से में उसने किसान को उसकी पत्नी और बच्चों सहित मार डाला। किसान की एक विवाहित बेटी थी। आखऱिकार साँप उसे भी डसने और मारने के लिए उसके घर उसके गाँव पहुँच गया।
उस समय वह कन्या तख्ती पर चंदन से चित्रित नाग के चित्र की पूजा करने में तल्लीन थी। भाव-विभोर होकर पूजा करने के बाद उसने पूजा कर रहे सांप को दूध पिलाते हुए दिखाया। उसकी भक्ति देखकर नागिनी का क्रोध शांत हो गया। उसने वह दूध स्वयं पी लिया। वह लड़की से प्रसन्न हुई और उसके माता-पिता और भाई-बहनों को वापस जीवित कर दिया।
एक अन्य कथा के अनुसार एक साहूकार (Naag Panchami 2024) के सात बेटे थे। उनमें से सबसे छोटे बेटे की पत्नी का कोई भाई नहीं था। एक बार उसने एक साँप को मरने से बचाया था। उस समय साँप ने उसे उतना ही धन दिया जितना उसने माँगा। इसलिए वह अधिक सुखी और समृद्ध जीवन जीने लगी।
ये कहानियाँ बताती हैं कि हमारी संस्कृति हमें हर जीवित प्राणी का सम्मान करना सिखाती है। यही कारण है कि नाग पंचमी के दिन काटना, भूनना, भूनना, खोदना आदि किया जाता है। कार्य टल जाते हैं। हालाँकि, चूंकि यह एक त्योहार है, इसलिए उस दिन या एक दिन पहले मोदक, पूरनपोली, डिंड, पटोला जैसे भोजन चढ़ाए जाते हैं।
न केवल गांवों में, बल्कि शहरी इलाकों में भी मानसून के दौरान सांप दिखाई देते हैं, लेकिन सर्प मित्रों के कारण, उनसे डरने के बजाय उन्हें पकडऩे और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए पर्याप्त सामाजिक जागरूकता आई है। इस अवसर पर चटाई पर रंगोली बनाकर नाग पूजन के साथ-साथ असली सांपों की जान बचाने वाले नाग मित्रों को मीठा भोजन कराया जाए तो इस पर्व का व्यापक परिप्रेक्ष्य सार्थक हो सकता है।