Mutual Fund Ads Hearing : सुप्रीम कोर्ट ने म्यूचुअल फंड विज्ञापनों पर याचिका सुनने से किया इन्कार
Mutual Fund Ads Hearing
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि ‘म्यूचुअल फंड सही है’ जैसे विज्ञापन गुमराह करने वाले हैं और ये म्यूचुअल फंड निवेश में वित्तीय सुरक्षा की झूठी छवि पेश करते हैं (mutual fund misleading ads)। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ इस वर्ष सितंबर में बांबे हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी ।
हाई कोर्ट ने वह जनहित याचिका खारिज कर दी थी जिसमें सेबी को एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया को निवेशक शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए दी गई स्वतंत्रता रद करने का निर्देश देने की मांग की गई थी (SEBI guidelines)। याचिकाकर्ता का हाई कोर्ट में दावा था कि ये अभियान न तो निवेशकों को जानकारी देते हैं और न ही म्यूचुअल फंड की बिक्री व खरीद में जोखिम के बारे में बताते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के सामने खुद पेश हुए याचिकाकर्ता ने बताया कि हाई कोर्ट ने जल्दबाजी में फैसला लिया है। उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “चिंता मत कीजिए। दूसरों को अपने बारे में खुद चिंता करने दीजिए।”
