Mpox Virus: दुनिया के 116 देशों में एमपॉक्स वायरस का कहर; जानिए, भारत में क्या हैं हालात और लक्षण?

Mpox Virus: दुनिया के 116 देशों में एमपॉक्स वायरस का कहर; जानिए, भारत में क्या हैं हालात और लक्षण?

Mpox Virus: Mpox virus is wreaking havoc in 116 countries of the world; Know, what are the conditions and symptoms in India?

Mpox virus

-वायरल प्रकोप के बारे में सब कुछ 7 दुनिया के 116 देशों में एमपॉक्स वायरस का कहर

नई दिल्ली। Mpox Virus: दुनिया अब कोरोना महामारी से पूरी तरह उबर चुकी है। लेकिन अब एक नया संकट सामने आ गया है। इस वक्त दुनिया एमपॉक्स नाम के वायरस के संकट से जूझ रही है। एमपॉक्स वायरस दुनिया के 116 देशों में फैल चुका है। एमपॉक्स वायरस को पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स वायरस के कहर के कारण आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। प्रभावित व्यक्ति के शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं। यह वायरस 1958 में बंदरों में खोजा गया था। इसके बाद यह इंसानों में फैलने लगा है।

भारत में इस बीमारी का वर्तमान प्रसार क्या है? ये सवाल हर किसी के मन में आ रहा है। हालांकि इस वायरस (Mpox Virus) का असर फिलहाल भारत में नहीं दिख रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने नवीनतम अपडेट में कहा कि भारत में जनवरी 2022 से जून 2024 के बीच एमपॉक्स के 27 मामले सामने आए हैं। इस वायरस से एक शख्स की मौत भी हो गई।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में इस तरह के वायरस से किसी तरह के खतरे की संभावना नहीं है। कुछ टीके उपलब्ध हैं जो इसका इलाज कर सकते हैं। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर कड़ी निगरानी और संक्रमित लोगों की समय पर पहचान करके इस वायरस को नियंत्रित किया जा सकता है।

डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा?

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स वायरस के कहर के कारण आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। कई देशों में मंकी पॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (Mpox Virus) ने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। एमपॉक्स भी एक संक्रामक रोग है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है ताकि स्थिति और न बिगड़े। अब तक कई लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं।

कांगो में 500 से ज्यादा लोगों की मौत

कांगो में अब तक 14 हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। इसमें 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। 15 साल से कम उम्र की लड़कियां भी इस वायरस का शिकार हो रही हैं, जो चिंता का विषय है। समलैंगिक पुरुषों में इस संक्रमण का प्रसार अधिक है। प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मी, परिवार के सदस्य भी जोखिम में हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि संक्रमण के बाद भी शरीर पर दाने के पूरी तरह ठीक होने तक उसे दूसरों से दूर रखना चाहिए।

दूसरी बार आपातकाल की घोषणा!

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स वायरस के खतरे के कारण तीन साल में दूसरी बार आपातकाल की घोषणा की है। इससे पहले 2022 में भी इस वायरस का तेजी से प्रसार देखा गया था। एमपॉक्स वायरस ने 100 से ज्यादा देशों में कहर बरपाया है। उस वक्त 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

एमपॉक्स के लक्षण

एमपॉक्स वायरस के कारण त्वचा पर लाल दाने हो जाते हैं, जो 2-4 सप्ताह तक रह सकते हैं। इस मरीज को बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, अत्यधिक थकान और शरीर में सूजन लिम्फ नोड्स यानी थक्के हो सकते हैं। एमपॉक्स से पीडि़त अधिकांश लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोग गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं।

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