MP Water Policy : एक महीने के अंदर एमपी सरकार बनाएगी व्यापक जल नीति, शिवराज सिंह चौहान का ऐलान
भोपाल, नवप्रदेश। एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार एक माह में प्रदेश की व्यापक जल नीति (MP Water Policy) बनाएगी। चौहान ने देश में पहली बार जल-संरक्षण पर राज्यों के मंत्रियों के प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन को भोपाल में संबोधित किया। यह सम्मेलन केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से आयोजित किया गया था। जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, राज्यों के मंत्रियों के इस पहले अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन का विषय ‘2047: जल को लेकर दृष्टिकोण’ है।
वहीं, चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश एक महीने के भीतर जल नीति बना रहा है जो व्यापक होगी। इसमें जल संरक्षण, जल उपलब्धता में वृद्धि, वर्षा जल संचयन, अपशिष्ट जल का पुनर्चक्रण,
प्रति बूंद अधिक फसल आदि जैसे विभिन्न पहलू शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल-जीवन मिशन में 50,000 करोड़ रुपये के कार्य चल रहे हैं, इससे 46 प्रतिशत घरों को नल से जल उपलब्ध कराना संभव होगा।
मुख्यमंत्री ने ‘2047: जल को लेकर दृष्टिकोण’ पर विचार-विमर्श के लिए भोपाल का चयन करने पर केंद्र शासन का आभार जताया। उन्होंने कहा कि भोपाल, जल-प्रबंधन का ऐतिहासिक रूप से अनूठा उदाहरण रहा है।
चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में जल-संरक्षण और उसके मितव्ययी उपयोग के लिए संवेदनशीलता के साथ गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2003-04 तक सिंचाई क्षमता 7.50 लाख हेक्टेयर थी, जो अब बढ़ कर 43 लाख हेक्टेयर हो गई है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारा लक्ष्य 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का है। चौहान ने कहा कि जल के मितव्ययी उपयोग के लिए पाइप लाइन और ‘स्प्रिंकलर’ सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2007 में जलाभिषेक अभियान आरंभ किया गया।
उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन में जन-भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सभी जिलों में जल संसद, जल सम्मेलन और गांव में जल यात्राएं हुई। उन्होंने कहा कि जलाभिषेक अभियान में बड़ी संख्या में ‘चेक डैम’ और ‘स्टॉप डैम’ का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नदी कायाकल्प के कार्य को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा में नदी के दोनों ओर वृक्षारोपण को एक अभियान के रूप में लिया गया है। चौहान ने सम्मेलन में आए केंद्र शासन और विभिन्न राज्यों के मंत्री गण को बताया कि प्रदेश में वृक्षारोपण, पानी बचाने, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष अभियान संचालित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पेड़ और पानी का आपस में संबंध है। सीएम ने कहा कि मैंने स्वयं प्रतिदिन पौधे लगाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प के अनुसार मैं प्रतिदिन तीन पौधे लगाता हूं।
चौहान ने सम्मेलन में आए सभी प्रतिभागियों को 6 जनवरी को पौध-रोपण के लिए आमंत्रित किया। शिवराज सिंह चौहान कि यह पौध-रोपण पूरे देश को जल-संरक्षण का संदेश देगा और इस सम्मेलन की स्मृतियों को अक्षुण्ण रखेगा।