Money Laundering Case : मनी लांड्रिंग केस में जब्त चोकसी के चार फ्लैटों की होगी नीलामी

Money Laundering Case

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पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ऋण धोखाधड़ी मामले में बड़ा कदम उठाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ चल रही मनी लांड्रिंग जांच (Money Laundering Case) के तहत जब्त की गई मुंबई की चार महत्वपूर्ण संपत्तियां आधिकारिक लिक्विडेटर को सौंप दी हैं।

ये चारों फ्लैट मुंबई के बोरिवली (ईस्ट) स्थित प्रोजेक्ट ‘तत्व, ऊर्जा-ए विंग’ में हैं, जिन्हें अब नीलाम किया जाएगा। नीलामी से प्राप्त राशि सीधे पीएनबी, आइसीआइसीआइ बैंक और इस धोखाधड़ी से प्रभावित अन्य पीड़ितों को लौटाई जाएगी, ताकि बैंकों के भारी वित्तीय नुकसान की भरपाई हो सके।

ईडी पहले भी कार्रवाई कर चुकी है। इससे पहले मुंबई, कोलकाता और सूरत में मेहुल चोकसी और उसके सहयोगियों से जुड़ी करीब 310 करोड़ रुपये की संपत्तियां भी लिक्विडेटर को सौंपी जा चुकी हैं। जांच में सामने आया था कि 2014 से 2017 के बीच चोकसी ने पीएनबी के कुछ बैंक अधिकारियों और अपने साथियों की मिलीभगत से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करवाए थे। इस फर्जीवाड़े से पीएनबी को करीब 6,097 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ। यही नहीं, चोकसी ने आइसीआइसीआइ बैंक से लिए गए अनेक कर्जों में भी डिफॉल्ट किया था, जिससे बैंक को करोड़ों का नुकसान हुआ।

ईडी ने जांच के दौरान 136 स्थानों पर छापेमारी की और लगभग 597 करोड़ रुपये की ज्वेलरी और अन्य कीमती सामान जब्त किए। इसके अलावा भारत और विदेशों में स्थित संपत्तियों, बैंक खातों, फैक्ट्रियों, शेयरों और वाहनों समेत कुल 1,968 करोड़ रुपये की संपत्तियां भी कुर्क की गईं। अब तक मनी लांड्रिंग केस (Money Laundering Case) में 2,565 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं, जो चोकसी की अवैध संपत्तियों का बड़ा हिस्सा मानी जा रही हैं।

बैंकों और ईडी द्वारा लिक्विडेटर को संपत्तियां सौंपने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। चारों फ्लैटों की नीलामी पूरी होने पर मिली राशि सीधे पीएनबी और आइसीआइसीआइ बैंक के खातों में जमा की जाएगी। साथ ही शेष संपत्तियों को भी जल्द ही नीलामी के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि बैंक रिकवरी प्रक्रिया को गति मिल सके और जनता के पैसे की वापसी सुनिश्चित की जा सके।