Money Laundering : पूर्व सीएम भूपेश के बेटे बिट्टू की आज कोर्ट में पेशी, चालान भी पेश करेगी ED

Money Laundering : पूर्व सीएम भूपेश के बेटे बिट्टू की आज कोर्ट में पेशी, चालान भी पेश करेगी ED

Money Laundering Case

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Money Laundering : छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की कस्टोडियल रिमांड सोमवार यानी आज खत्म हो रही है। ED की टीम आज उन्हें कोर्ट में पेश करेगी और इसी दौरान अपने दस्तावेजों के साथ चालान भी प्रस्तुत करेगी। चैतन्य 18 जुलाई 2025 से जेल में हैं और पिछले दो महीने से कठिन परिस्थितियों में रह रहे हैं।

जानकारी मिली है कि ACB-EOW की टीम भी चैतन्य से पूछताछ करने की तैयारी में है। इस केस में EOW प्रोडक्शन वारंट जारी कराने के लिए स्पेशल कोर्ट में आवेदन करने वाली है। ऐसे में (Money Laundering) चैतन्य की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं और कोर्ट में बहस और जटिल हो सकती है।

शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चैतन्य बघेल को आरोपी बनाया है। आरोप है कि घोटाले की राशि से उन्हें 16.70 करोड़ रुपए मिले। इस रकम को (Money Laundering) ब्लैक मनी के रूप में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश किया गया। ED के मुताबिक चैतन्य ने फर्जी निवेश दिखाकर ब्लैक मनी को सफेद करने की कोशिश की और सिंडिकेट के साथ मिलकर करीब 1000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई।

सूत्रों ने बताया कि इस मामले में मुंगेली और रायपुर जिले के वित्तीय ठिकानों पर छापेमारी भी की गई। चौथे पैराग्राफ में यह सामने आया कि चैतन्य बघेल के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट (बघेल डेवलपर्स), रायपुर जिले में स्थित, में वास्तविक निवेश 13-15 करोड़ रुपए हुआ, जबकि रिकॉर्ड में केवल 7.14 करोड़ दिखाए गए। डिजिटल डिवाइसेस की जांच से पता चला कि एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ कैश पेमेंट की गई, जो रिकॉर्ड में गायब थी।

ED ने यह भी खुलासा किया कि त्रिलोक सिंह ढिल्लो ने 19 फ्लैट खरीदने के लिए बघेल डेवलपर्स को 5 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। फ्लैट कर्मचारियों के नाम पर खरीदे गए, लेकिन पेमेंट ढिल्लो ने स्वयं किया। यह पूरा लेन-देन 19 अक्टूबर 2020 को हुआ और इसका उद्देश्य (Money Laundering) पैसा छिपाकर चैतन्य बघेल तक पहुंचाना था। इस पूरी जांच में चैतन्य बघेल की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। ED और EOW दोनों ही जांच में तेजी ला रहे हैं और आने वाले दिनों में कोर्ट में बहस और नई परिस्थितियों को सामने ला सकती है, जिससे केस और अधिक जटिल और गंभीर हो सकता है।

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