Monetary Policy Impact : एसबीआई ने कर्ज सस्ता किया, ब्याज दरों में बड़ी कटौती
Monetary Policy Impact
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने भारतीय रिज़र्व बैंक की हालिया रेपो रेट कटौती (Monetary Policy Impact) के अनुरूप अपनी बाह्य बेंचमार्क से जुड़ी ब्याज दरों (ईबीएलआर) में 25 आधार अंक की कमी की है। इस कटौती के बाद ईबीएलआर 7.90 प्रतिशत रह जाएगी, जो 15 दिसंबर से प्रभावी होगी। यह कदम बैंक के लाखों खुदरा एवं एमएसएमई ग्राहकों को राहत देने वाला माना जा रहा है।
इसके साथ ही बैंक ने अपनी सभी अवधि वाली मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) को भी 5 आधार अंक घटाया है। एक वर्ष की परिपक्वता के लिए एमसीएलआर अब 8.70 प्रतिशत होगा। यह बदलाव बैंक के मौजूदा व नए ग्राहकों के लिए कर्ज की लागत कम करेगा (loan rate cut)।
बैंक ने इसके अलावा आधार दर को 10 प्रतिशत से घटाकर 9.90 प्रतिशत कर दिया है। आधार दर में यह कमी उन ग्राहकों को राहत देगी जिनके पुराने ऋण अभी भी इस दर से जुड़े हुए हैं (interest revision)।
साथ ही, एसबीआई ने दो से तीन वर्ष की परिपक्वता वाली सावधि जमा दर को बढ़ाकर 6.40 प्रतिशत कर दिया है, जिससे जमाकर्ताओं को बेहतर रिटर्न मिल सके। दूसरी ओर, इंडियन ओवरसीज़ बैंक ने भी अपनी ईबीएलआर को 25 आधार अंक घटाकर 8.10 प्रतिशत कर दिया है,
जिससे प्रतिस्पर्धी बैंकिंग माहौल में और सस्ते ऋण उपलब्ध होने की उम्मीद है (banking sector update)। इस व्यापक कमी का उद्देश्य ग्राहकों को कर्ज सस्ता करना और निवेश-उपभोग को बढ़ावा देना है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में अन्य बैंक भी इसी तरह ब्याज दरें घटा सकते हैं।
