बोनस नहीं! किसानों की आय दोगुनी करने अब इस जीव के भरोसे हमारी सरकार
अाधा एकड़ जमीन से भी हर माह 1.40 लाख रुपए कमाने का दावा
नई दिल्ली/रायपुर/नवप्रदेश। केंद्र की मोदी सरकार (modi government) ने किसानों की आय दोगुनी करने (double the farmers income) का लक्ष्य रखा है। लेकिन इसके लिए केंद्र की ओर से धान व अन्य फसलों को बोनस नहीं (bonus) दिया जाएगा, बल्कि खेतों में ही पाए जाने वाले एक सूक्ष्म जीव की मदद ली जा सकती है। केंद्र के एक मंत्री का मानना है कि केंचुओं (earthworm) की मदद से सरकार (modi government) पांच साल में किसानों की आमदनी दोगुनी करने (double the farmers income) का लक्ष्य हासिल कर सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने तैयार किया है फॉर्मूला
केंचुओं से आय दोगुनी करने का फॉर्मूला (formulae) तैयार किया है केंद्रीय मत्स्य व पशुपालन मंत्रालय ने। इस फॉर्मूले (formulae) से बिना बोनस (bonus) दिए किसानों की आय दोगुनी होगी। इससे रोजगार सृजन होगा और साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा जानवरों व मनुष्य के सह असतित्व मेंं कोई चुनौती न हो। गौरतलब है कि इस वर्ष से केंद्र सरकार ने उस नियम पर अमल करना शुरू कर दिया है जिसके मुताबिक केंद्र अब उन राज्यों से सेंट्रल पूल के लिए चावल व अन्य कृषि उत्पाद नहीं खरीदेगा, जहां की सरकारें किसानों को इन कृषि उत्पादों के लिए बोनस दे रही हैं। छत्तीसगढ़ से भी इसी नियम के आधार पर केंद्र की ओर से सेंट्रल पुल का चावल नहीं खरीदा जा रहा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या केंचुए (earthworm) जैसा सूक्ष्म जीव अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकता है और क्या यह मानव अस्तित्व को बरकरार बनाए रख सकता है?, केंद्रीय पशुपालन, डेयरी व मत्स्य पालन मंत्री गिरीराज सिंह (union minister giriraj singh) ने कहा निश्चित तौर पर…। सिंह के पास बिना ज्यादा खर्च किए रोजगार सृजन व किसानों की आमदनी बढ़ाने (to double the farmer’s income) का फॉर्मूला है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मुर्गियों को कम से कम खर्च में दाना उपलब्ध कराकर उससे प्राप्त होने वालों आर्गेनिक अंडों से हर माह 1.40 लाख रुपए कमाए जा सकते हैं।
ये है केंद्रीय मंत्रालय का केंचुआ उत्पादन का फॉर्मूला
सिंह ने कहा, ’90 दिन की अवधि के लिए यदि हमारे पास चार ऐसे जानवर हो जो 40 किग्रा गोबर दे सकते हैं तो हम जैव ईंधन बायोमास से उससे 120 किलो केंचुएं (earthworms) प्राप्त कर सकते हैं। एक मुर्गी की खुराक की बात करें तो उसके लिए 30 ग्राम केंचुएं, 30 ग्राम केंचुआ खाद, 30 ग्राम चावल की टुकड़ी चाहिए होती है। मंत्रालय की ओर से केंचुओं के उत्पादन के लिए जो फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है उसके मुताबिक 3 किलो केंचुओं की उत्पत्ति के लिए 10 फीसदी गाय का गोबल, 20 फीसदी मिट्टी व 70 फीसदी जैव ईंधन जरूरी है। 10 किलो के जैव ईंधन के कांबिनेशन से 3 किलों केंचुए पैदा किए जा सकते हैं।
ऐसे कमा सकते हैं हर माह 1.40 लाख रुपए
- मंत्री सिंह ने बताया कि जिन किसानों के पास आधा एकड़ भी जमीन है वे 18 माह में 25 लाख रुपए कमा सकते हैं। उन्होंने बताया कि आधा एकड़ भूखंड पर 2500 मुर्गियां पाली जा सकती है। मंत्री के मुताबिक उनके मंत्रालय द्वारा तैयार किए जा रहे फॉर्मूले के मुताबिक
- 18 महीने की अवधि में एक मुर्गी 200 से 250 अंडे देती है। यदि इसे 2500 से गुणा कर दें तो पांच लाख अंडे होते हैं।
- ये अंडे पूरी तरह आर्गेनिक होंगे, जिसे किसान या यह उद्यम करने वाला उद्यमी 5 रुपए प्रति नग के हिसाब से बेच सकता है।
- इस तरह वह 18 माह में 25 लाख रुपए कमा सकते हैं। यानी किसान को प्रतिमाह 1 लाख 38 हजार 888 रुपए की आमदनी होगी।
योजना को मूर्त रूप लेने बस एक मंजूरी की देर
इससे केवल किसान की आमदनी ही नहीं बढ़ेगी बल्कि इससे उसके पास मौजूद भूमि से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। रहा सवाल मुर्गियों की खुराक पर होने वाले खर्च का तो यह भी नगण्य हो जाएगा। क्योंकि संबंधित किसान या उद्यमी के पास केंचुओं की व्यवस्था होगी।
हालांकि मंत्री गिरीराज सिंह (union minister giriraj singh) ने कहा कि इस योजना को मूर्त रूप लेने में एक साल का समय लगेगा। क्योंकि इसके लिए आईसीएआर की मंजूरी जरूरी है। इस संबंध में आईसीएआर से संबंधित विभिन्न संस्थानों में 6 पायल्रट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं।
एक व्यक्ति को सालभर में 180 अंडे खाना जरूरी
मंत्री ने यह भी बताया कि एक आदमी को सालभर में कितने अंडे खाना जरूरी केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि एक व्यक्ति का हर साल 180 अंडे खाना चाहिए। जबकि अभी देश में प्रति व्यक्ति अंडे की औसतन खपत सिर्फ 68 प्रति वर्ष है। इस संबंध में उन्होंने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का हवाला दिया।