Modi Govt 3.0: चंद्रबाबू-नीतीश की 'भारी मांग', BJP भी सुनने को तैयार, लेकिन रखी बड़ी शर्त!

Modi Govt 3.0: चंद्रबाबू-नीतीश की ‘भारी मांग’, BJP भी सुनने को तैयार, लेकिन रखी बड़ी शर्त!

Modi government 3.0 'Heavy demand' of tdp chandrababu naidu and jdu nitish kumar BJP put a big condition

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-बैठक में किस पार्टी को कौन सा मंत्रालय?

नई दिल्ली। Modi Govt 3.0: हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए ने जीत की हैट्रिक लगाई है। चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के सहयोग से मोदी सरकार 3.0 स्थापित होने को तैयार है। लेकिन अभी से एनडीए में एक तरह की दबाव की राजनीति शुरू हो गई है। एनडीए में शामिल घटक दल इस सरकार में महत्व हासिल करने के लिए दबाव तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, जेडीयू और टीडीपी की नजर शीर्ष मंत्रालयों पर है और इस सिलसिले में उन्होंने बीजेपी के सामने अपनी मांगें भी रखी हैं।

आज दिल्ली में एनडीए का फैसला हो रहा है। इस बैठक में किस पार्टी को कौन सा मंत्रालय? इस संबंध में मंथन किया जाएगा। दरअसल इस समय बहुमत नहीं होने के कारण बीजेपी मंत्रालयों के बंटवारे में कुछ खास नहीं कर पाएगी। इससे सहयोगी पार्टियां बीजेपी पर दबाव बना सकती हैं।

टीडीपी-जेडीयू की नजर शीर्ष दस मंत्रालयों पर

सूत्रों के हवाले से टीडीपी और जेडीयू की नजर मोदी सरकार (Modi Govt 3.0) के टॉप टेन मंत्रालयों पर है। दोनों पार्टियां गृह, रक्षा, वित्त, विदेश, राजमार्ग, वाणिज्य, रेलवे, कृषि, पेट्रोलियम आदि मंत्रालय पाना चाहती हैं। हालांकि बीजेपी टॉप 5 मंत्रालय देने के पक्ष में नहीं है। लेकिन दोनों पार्टियों का कहना है कि पिछली गठबंधन सरकारों में भी गृह, रक्षा और वित्त जैसे अहम मंत्रालय सहयोगी दलों के पास थे। इसके अलावा जेडीएस की नजर कृषि और स्वास्थ्य मंत्रालय पर भी है।

बीजेपी ने रखी ये शर्त

सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक एनडीए में मंत्रियों की दबाव की राजनीति को देखते हुए बीजेपी ने भी बड़ी शर्त रखी है। बीजेपी मान सकती है नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की मांगें। हालांकि बीजेपी ने इसके लिए एक बड़ी शर्त रखी है।

बीजेपी ने कहा है कि बीजेपी जेडीयू और टीडीपी को शीर्ष मंत्रालय (Modi Govt 3.0) तभी देगी जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू इन मंत्रालयों की जिम्मेदारी खुद संभालेंगे। लेकिन इसके लिए नीतीश को बिहार का मुख्यमंत्री पद छोडऩा होगा और चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले पाएंगे।

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