Mobile Blast : रायपुर से बड़ी खबर…! मोबाइल चार्जिंग पर लगाकर खेल रहा था गेम…अचानक ब्लास्ट…फिर

Mobile Blast : रायपुर से बड़ी खबर…! मोबाइल चार्जिंग पर लगाकर खेल रहा था गेम…अचानक ब्लास्ट…फिर

Mobile Blast: Big news from Raipur…! Was playing game by keeping mobile in charge…sudden blast…again

Mobile Blast

रायपुर/नवप्रदेश। Mobile Blast : रायपुर से एक बड़ी खबर आई है। यहां स्मार्टफोन ब्लास्ट होने से 11 वर्षीय बालक आयुष खेस गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे में उसकी आंखों के कॉर्निया में गंभीर चोट आई है। परिजन उसे तुरंत अंबेडकर अस्पताल ले गए, जहां नेत्र रोग विभाग के डॉ. संतोष सिंह पटेल ने त्वरित ऑपरेशन कर उसे ठीक कर दिया। इस ऑपरेशन में डॉ. रेशु मल्होत्रा, डॉ. सुशील, डॉ. मोनिका, डॉ. वैभव, डॉ. साधना, डॉ. अंशु और डॉ. मधु शामिल थे।

डाॅ. संतोष सिंह पटेल के अनुसार स्मार्टफोन या मोबाइल का ब्लास्ट इतना ज्यादा ख़तरनाक रहा कि आंख की कॉर्निया की चोट को ऑपरेशन पश्चात ठीक किया गया परंतु गंभीर आंतरिक चोट के कारण एक आंख की रोशनी आ पाना अब बहुत मुश्किल है। गंभीर हादसे के कारण एक आंख की रोशनी ही बचायी जा सकी।

चार्जिंग में लगाकर लम्बे समय से खेल रहा था गेम

नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं रेटिना सर्जन डाॅ. संतोष सिंह पटेल केस के संबंध में आगे की जानकारी देते हुए बताते हैं कि आयुष खेस को उसके माता- पिता स्मार्टफोन विस्फोट (Mobile Blast) की हिस्ट्री के साथ डाॅ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के नेत्र रोग विभाग में लेकर आए। परिजनों के मुताबिक घटना उस समय घटी जब बच्चा 2 घंटे से ज्यादा समय तक फोन पर गेम खेल रहा था और उस दौरान उसका फोन चार्जिंग पर रखा हुआ था। लम्बे समय तक मोबाइल फोन को चार्ज में लगाकर गेम खेल रहा था, जिसके बाद यह घटना के घटी। बच्चे को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीतापुर ले जाया गया। वहां प्रायमरी उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रिफर कर दिया गया।

छाती-पेट-चेहरे-हाथ में आई चोटें

वहां से उसे डीकेएस अस्पताल रायपुर रेफर कर दिया गया। वहां इलाज के बाद आंख में चोट लगने के कारण 20 फरवरी को नेत्र रोग विभाग भेजा गया। मरीज के सीने, पेट, चेहरे और दाहिने हाथ में कई चोटे आई थीं। कॉर्निया की चोट को ऑपरेशन पश्चात ठीक किया गया परन्तु गंभीर आंतरिक चोट के कारण एक आंख की रोशनी आ पाना अब बहुत मुश्किल है। हालांकि एक आँख की ही रोशनी बचायी जा सक। मरीज इस तरह से एक आंख और एक हाथ को खो चुका है।

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