Mission Electric : मिशन इलेक्ट्रिक की ओर बढ़ने के लिए ओला ने बनाई 3 स्तरीय योजना
रायपुर, नवप्रदेश। आज भारत के पास 21वीं सदी में अपना वर्चस्व जमाने का अवसर है।ओला ने भारत को इलेक्ट्रिक वाहन का वैश्विक केंद्र बनाने के इस अवसर से प्रेरणा ली,और 15अगस्त, 2021 को अपने पहलेस्कूटर एवं दुनिया के सबसे बड़े टू-व्हीलर प्लांट के निर्माण की घोषणा के साथ अपनामहत्वाकांक्षी सफर शुरू किया।
अभी 15 महीने ही बीते हैं, और ओला भारत मेंराजस्व एवं वॉल्यूम की दृष्टि से सबसे बड़ी कंपनी बन गई है और सबसे तेजी से विकसितहोती हुई कंपनी भी है कंपनी ने 2022 में लगभग 1,50,000 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे और अपने मिशन इलेक्ट्रिककी ओर तेजी से आगे बढ़ रही है, जिसके तहत सन 2030 तक भारत में बिकने वाली सभी कारें औरटू-व्हीलर इलेक्ट्रिक किए जाने की योजना है।
मिशन इलेक्ट्रिककी ओर बढ़ने के लिए ओला ने 3 स्तरीय योजनाबनाई है उत्पाद का विविधीकरण और विश्वस्तर पर निर्माण: टू-व्हीलर को इलेक्ट्रिफाईकरके कंपनी मुख्य टेक्नॉलॉजी, सप्लाई चेन औरचार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी बुनियादी सुविधाओं में विशाल और विश्वस्तर कीक्षमताओं का विकास कर रही है।
भारत में बिकने वाले सभी 20 मिलियन टू-व्हीलर्स इलेक्ट्रिफाई होने के बाद भारत अमेरिकाऔर चीन के बाद दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा।टू-व्हीलर्स में यह आधार ओला को प्रतिस्पर्धी बढ़त प्रदान करेगा, जब उसका प्रवेश फोर-व्हीलर्स में होगा। साल 2022 में ओला ने अपने प्रीमियम स्कूटर, ओला एस1 का विस्तार किया।
कंपनी ने केवल 1 साल में प्रीमियम स्कूटर बाजार का संपूर्ण इलेक्ट्रिफिकेशन कर लिया। साल 2023 और 2024 में कंपनी कई अन्य टू-व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन उत्पाद एकमास मार्केट स्कूटर, एक मास मार्केटमोटरसाईकल, और विभिन्न प्रीमियममोटरसाईकल लॉन्च करेगी।
टूव्हीलर बनाने की मजबूत क्षमता से ओला को इलेक्ट्रिक वाहनटेक्नॉलॉजी और सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स,बैटरीज़ एवं पॉवर ट्रेंस में सप्लाई चेन मेंप्रतिस्पर्धी बढ़त मिलेगी, तथा कंपनी बहुतही किफायती मूल्यों में फोर व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन करने में समर्थबनेगी। ओला की पहली कार 2024 में लॉन्च कीजाएगी,
और 2027 तक कंपनी बाजार में 6 भिन्न-भिन्न उत्पाद लॉन्च करेगी। सैल टेक्नॉलॉजीमें वर्टिकल इंटीग्रेशन और संबंधित सप्लाई चेन का स्थानीकरण: मुख्य सैल टेक्नॉलॉजीपर ओला का केंद्रण 2 साल पहले शुरूहुआ, और 2022 में कंपनी ने ओला के बैटरी इनोवेशन केंद्र मेंसंचालन शुरू किया। यह विश्वस्तरीय सुविधा 1,000 से ज्यादा शोधकर्ताओं को सैल टेक्नॉलॉजी के भविष्य के लिएकाम करने और अपनी खुद की बौद्धिक संपदा का निर्माण करने में समर्थ बनाएगी।
2023 के अंत तक ओला अपने सैल निर्माण प्लांट में 5 गीगावॉट घंटा की क्षमता स्वीकृत कर देगा और इसदशक के अंत तक 100 गीगावॉट घंटाक्षमता स्थापित कर लेगा। ओली की अपनी टेक्नॉलॉजी और स्थानीकृत सप्लाई चेन कंपनी कोअन्य भारतीय और वैश्विक कंपनियों के मुकाबले एक मजबूत प्रतिस्पर्धी बढ़त प्रदानकरेगी।
1 और 2 का इस्तेमाल कर बाजारों में वैश्विक वितरण: 1,00,000 रु. से 5,00,000 रु. मूल्य वर्ग में ओला के विश्वस्तरीय उत्पाद, मजबूत टेक्नॉलॉजी और कम लागत में सप्लाई चेन सेकंपनी को भारत से निर्यात करने के लिए काफी महत्वपूर्ण वैश्विक बढ़त मिलेगी और यहदक्षिण पूर्व एशिया, लेटिन अमेरिका,यूरोप, अफ्रीका आदि देशों में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में लीडर बन जाएगी।ओला अपने इस मिशनके लिए प्रतिबद्ध है और पथ प्रदर्शन कर रही है।
साल 2022 को उस वर्ष के रूप में याद किया जाएगा, जब भारत में इलेक्ट्रिक वाहन की क्रांति शुरूहुई। जून 2021 में केवल 4000 यूनिट्स से लेकर, मासिक रन रेट 2022 के अंत तक 20 गुना वृद्धि केसाथ 80,000 यूनिट्स तक पहुँच गया।भारत में साल 2021 में केवल 1 प्रतिशत ग्राहकों से केवल एक साल में 6 प्रतिशत ग्राहकों तक पहुँची इलेक्ट्रिक वाहनकी क्रांति केवल शहरी केंद्रों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे भारत में फैल चुकी है।
बैंगलुरू, पुणे, सूरत आदि अनेक शहरों में इलेक्ट्रिक वाहन लगभग 20 प्रतिशत ग्राहकों तक पहुँच चुके हैं।टियर 1,2, 3 शहरों और ग्रामीणकेंद्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ग्राहकों के रुझान से प्रदर्शित हुआ है किभारत में इलेक्ट्रिक वाहन का बाजार पहले से मौजूद था, जो नई और बेहतर टेक्नॉलॉजी वाले इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने केलिए तैयार था।