मंत्री केदार बोले- भूपेश को पच नहीं रहा सौम्य-सरल आदिवासी मुख्यमंत्री, गिना डाले इसके सियासी कारण

रायपुर। (Forest Minister Kedar Kashyap) सोमवार को अपने घर पर पड़े ED के छापे के बाद मीडिया से चर्चा में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने वर्तमान सीएम विष्णुदेव साय को लिखा हुआ पढऩे वाला सीएम कहा। भूपेश बघेल के इस बयान पर भाजपाइयों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा- बघेल को प्रदेश के पहले आदिवासी सौम्य और सरल मुख्यमंत्री साय के बारे में कुछ भी बोलने से पहले हजार बार सोचना चाहिए। कश्यप ने कहा कि, भूपेश हमेशा से आदिवासी विरोधी रहे हैं। उन्हें यह पच ही नहीं रहा है कि, कोई आदिवासी भी प्रदेश की कमान संभाल सकता है।
बड़बोलेपन से राजनीति नहीं चलती, भूपेश बघेल यह समझें
प्रदेश के वन मंत्री कश्यप ने कहा कि भूपेश बघेल को यह समझना चाहिये कि बड़बोलेपन से राजनीति नहीं चलती। अनावश्यक बयानबाजी को छत्तीसगढ़ की सहज-सरल जनता कितना नापसंद करती है, वह भूपेश बघेल ने स्वयं अनुभव किया होगा। कश्यप ने कहा कि जिस तरह एक सरल आदिवासी कवासी लखमा के कंधे पर बन्दूक रखकर भूपेश बघेल ने अपने घोटालों की गोली चलाई, जैसे सारी मलाई चट कर आदिवासी विधायक लखमा के सिर पर सारा ठीकरा फोड़ दिया है, यह भूपेश बघेल की आदिवासी विरोधी मानसिकता को दिखाता है।
सीएम साय देश के सबसे अनुभवी आदिवासी नेता
कश्यप ने कहा कि, मुख्यमंत्री साय प्रदेश ही नहीं, बल्कि समूचे देश के सबसे अनुभवी आदिवासी नेता हैं। उनका अनुभव और राजनीतिक करियर भी भूपेश बघेल से कई गुना बड़ा है। एक बार केंद्रीय मंत्री, दो बार विधायक, तीन बार प्रदेश अध्यक्ष, चार बार सांसद और अब प्रदेश के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में श्री साय के कार्यकाल की देशभर में सराहना हो रही है। श्री कश्यप ने कहा कि, साय के नेतृत्व में आज नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में कांग्रेस का सफाया हो गया। लोकसभा चुनाव में मोदी गारंटी पूरे करने का असर दिखा, समूचे देश में सौम्य सरल लेकिन कड़े निर्णय लेने वाले नेता के रूप में विष्णुदेव साय की पहचान है।
चोरी पकड़े जाने पर बौखलाए भूपेश : केदार
कश्यप ने कहा कि, पूर्व मुख्यमंत्री से आग्रह है कि वे घोटालों के आरोपों का सामना न्यायिक प्रक्रिया द्वारा करें। जिस संविधान को बचाने की बड़ी-बड़ी बात कांग्रेस करती है, उसी संविधान के तहत संवैधानिक संस्थाएं जांच कर रही है। इसी संविधान ने देश के वंचितों और आदिवासियों को अधिकार दिए हैं, भूपेश बघेल का संवैधानिक संस्थाओं का मजाक उड़ाना संविधान विरोधी कृत्य भी है। श्री कश्यप ने कहा कि बघेल संविधान का सम्मान करें, संवैधानिक पद्धति से चुनकर आए प्रतिनिधियों का भी अपमान करने का भूपेश बघेल को कोई अधिकार नहीं है। चोरी पकड़ी जाने पर बौखलाहट से काम नहीं चलता है।