Migrant Workers Tunisia News : बिन सैलरी के ट्यूनिशिया में फंसे थे 48 मजदूर, सीएम हेमंत सोरेन ने कराई वतन वापसी

Migrant Workers Tunisia News

Migrant Workers Tunisia News

ट्यूनिशिया में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूर (Migrant Workers Tunisia News) अब सुरक्षित अपने घर लौट आए हैं। अधिकारियों ने बताया कि सभी मजदूर मुंबई पहुंचने के बाद अपने-अपने जिलों में वापस गए। झारखंड श्रम विभाग के प्रवासी नियंत्रण प्रकोष्ठ की टीम लीडर शिखा लाकड़ा ने बताया कि सभी 48 मजदूर शुक्रवार तक अपने घर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि मजदूर ट्यूनिशिया से मुंबई अलग-अलग उड़ानों से लौटे और फिर ट्रेन से हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो पहुंचे। आखिरी जत्था शुक्रवार को बोकारो पहुंचा।

ट्यूनिशिया में फंसे थे झारखंड के मजदूर

अधिकारियों के अनुसार, अब सभी मजदूरों को कंपनी की ओर से तीन महीने का बकाया वेतन दे दिया गया है। उत्तरी अफ्रीका के देश ट्यूनिशिया में ये प्रवासी मजदूर तीन महीने से ज्यादा समय तक बिना वेतन के फंसे हुए थे। हाल ही में उन्होंने एक वीडियो जारी कर अपनी परेशानी बताई थी। मजदूरों का कहना था कि झारखंड से रवाना होने से पहले उन्हें अच्छे अनुबंध और तय वेतन का वादा किया गया था, लेकिन वहां पहुंचने के बाद उन्हें बिना वेतन के रोज 12 घंटे से ज्यादा काम करने के लिए मजबूर किया गया।

सीएम हेमंत सोरेन ने दिए थे कार्रवाई के निर्देश

सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे इस वीडियो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ध्यान खींचा। इसके बाद उन्होंने श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। टीम लीडर शिखा लाकड़ा ने बताया, मजदूरों ने अपनी परेशानी बताते हुए एक वीडियो साझा किया था, जो मुख्यमंत्री सोरेन तक पहुंचा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने श्रम विभाग को निर्देश दिया कि सभी मजदूरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए और उनका बकाया वेतन, जो करीब 30 लाख रुपये है, दिलाया जाए। मजदूरों को लंबे समय से वेतन न मिलने की वजह से आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

उन्होंने बताया, “मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद श्रम विभाग (Migrant Workers Tunisia News) के अधिकारियों ने भारतीय दूतावास और संबंधित एजेंसियों से संपर्क किया। सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर मजदूरों की यात्रा और बकाया वेतन की व्यवस्था कराई गई। अधिकारी ने आगे कहा, अब सरकार इन मजदूरों और उनके परिवारों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के दायरे में लाने की दिशा में काम कर रही है, ताकि भविष्य में उन्हें दोबारा रोज़गार के लिए पलायन न करना पड़े।

(Migrant Workers Tunisia News) इन जिलों के रहने वाले थे मजदूर

ये प्रवासी मजदूर झारखंड के तीन जिलों — हजारीबाग (19), गिरिडीह (14) और बोकारो (15) के रहने वाले हैं। उन्हें पीसीएल प्रेम पावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (PCL Prem Power Construction Ltd) नाम की कंपनी में काम करने के लिए ट्यूनिशिया भेजा गया था। मजदूरों का आरोप है कि कंपनी ने उन्हें नौकरी की शर्तों के बारे में गलत जानकारी दी और बाद में उनका बकाया वेतन देने से इनकार कर दिया। पिछले तीन महीनों से मजदूरी न मिलने के कारण वे आर्थिक तंगी में फंसे हुए थे और खाने तक की परेशानी झेल रहे थे।

प्रवासी प्रकोष्ठ ने की थी पहल

प्रवासी प्रकोष्ठ से सबसे पहले संपर्क करने वाले व्यक्ति ने मजदूरों की मुश्किलें बताईं। उन्होंने कहा, सभी 48 मजदूर दिल्ली की एक निजी कंपनी के माध्यम से ट्यूनिशिया गए थे। वे वहां हाई ट्रांसमिशन तार बिछाने का काम कर रहे थे, जो एक बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी के अधीन चल रहा था। उन्होंने आगे बताया, “वीडियो संदेश में मजदूरों ने आरोप लगाया कि कंपनी उन्हें पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं दे रही है और उन्हें जबरन ओवरटाइम करवाया जा रहा है। इससे वे मानसिक तनाव में हैं। मजदूर अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन कंपनी उन्हें ऐसा करने नहीं दे रही थी। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से घर वापसी में मदद की गुहार लगाई थी।”

कोई मजदूर भूखा या बेघर न रहे

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य सरकार हर प्रवासी मजदूर की सुरक्षा और सम्मानजनक रोजगार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे मजदूरों के लिए एक विशेष निगरानी तंत्र तैयार करेगी, ताकि कोई भी झारखंडी नागरिक विदेश में शोषण का शिकार न हो।