संपादकीय: एक बार फिर महबूबा मुफ्ती का भड़काऊ बयान

संपादकीय: एक बार फिर महबूबा मुफ्ती का भड़काऊ बयान

Mehbooba Mufti's provocative statement again

Mehbooba Mufti's provocative statement again

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर भड़काऊ बयानबाजी कर नया बवाल खड़ा कर दिया है। श्रीनगर में एक आयोजन के दौरान राष्ट्रगान बजने पर कुछ लोग खड़े नहीं हुए तो पुलिस ने राष्ट्रगान के अपमान के आरोप में पंचद्रह लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की इस कार्यवाही पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा मुफ्ती ने विवादास्पद बयान दिया है कि कश्मीर में हालात इस कदर खराब हो गये हैं कि राष्ट्रगान के सम्मान के लिए पुलिस को बंदूक का सहारा लेना पड़ रहा है और यह सरकार की असफलता का परिचायक है।

निश्चित रूप से उनका यह बयान उनकी खीज को दर्शाता है। उन्हें पता होना चाहिए कि यदि राष्ट्रगान के सम्मान में कोई खड़ा नहीं होता तो उसके खिलाफ कार्यवाही की ही जाती है। इसमें भला बंदूक का सहारा लेने वाली कौनसी बात हो गई। दरअसल जबसे जम्मू कश्मीर में 370 का खात्मा हुआ है और उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में वहां महबूबा मुफ्ती की पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है तभी से वे बौखलाई हुई है और लगातार भड़काऊ बयानबाजी करती आ रही है।

कुछ दिनों पूर्व ही उन्होंने नेपाल की घटना को लेकर भी यह बयान दिया था कि कश्मीर घाटी में भी नेपाल जैसी स्थिति निर्मित हो सकती है। इसके पूर्व भी वे लगातार इसी तरह के वे देशविरोधी बयान देती रही है। समझ में नहीं आता कि उनके ऐसे आपत्तिजनक और भड़काऊ बयान के लिए उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही करने में सरकार आखिर हिचकिचा क्यों रही हैं?