Medical PG Quota Issue : छत्तीसगढ़ के छात्रों के लिए नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने लिखा CM को पत्र

Medical PG Quota Issue

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नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने मेडिकल पीजी सीटों में राज्य कोटा घटाए जाने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है। महंत ने मांग की है कि मेडिकल पीजी की कम से कम 50 प्रतिशत सीटें छत्तीसगढ़ के छात्रों के लिए सुरक्षित रखी जानी चाहिए (Medical PG Quota Issue)। उनके अनुसार मौजूदा परिस्थिति में राज्य कोटे की सीटें घटकर केवल 25 प्रतिशत रह गई हैं, जिससे छत्तीसगढ़ के मेडिकल विद्यार्थियों का भविष्य सीधे प्रभावित होगा।

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महंत ने अपने पत्र में बताया कि मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर और छात्र प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात कर यह चिंता व्यक्त की है कि सीटों में कटौती से स्थानीय छात्रों के अवसर घटेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार (Medical PG Quota Issue) पर सकारात्मक निर्णय लेगी और पीजी प्रवेश प्रक्रिया में स्थानीय छात्रों को प्राथमिकता देगी।

क्या लिखा चरणदास महंत ने अपने पत्र में

चरणदास महंत ने पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया है कि मेडिकल कॉलेज छात्रों का कोटा पहले 50% था, जो अब घटकर 25% ही रह गया है। उनके मुताबिक यह बदलाव पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम है, जिसका सीधा असर छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों के भविष्य और राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की क्षमता पर पड़ेगा।

राज्य कोटा 50% से घटकर सिर्फ 25%

हाल ही में जारी गजट नोटिफिकेशन के बाद मेडिकल स्नातकोत्तर (पीजी) प्रवेश नियम 2025 में संशोधन (Medical PG Quota Issue) किया गया है। इसके लागू होते ही राज्य कोटे की सीटें आधी रह गईं। पहले सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटें सिर्फ उन छात्रों के लिए आरक्षित थीं जिन्होंने छत्तीसगढ़ में एमबीबीएस किया था, लेकिन अब इन्हीं सीटों में बाहरी राज्यों के छात्रों को भी प्रवेश मिल सकेगा ।

नोटिफिकेशन के बाद यह सवाल भी उठा है कि नवंबर 2025 में लागू किए गए उस नियम का क्या होगा जिसमें हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी से संबद्ध संस्थानों में एमबीबीएस करने वाले छात्रों को ही पीजी प्रवेश का अधिकार था। अब नए संशोधन ने व्यवस्था को जटिल बना दिया है, जिससे प्रवेश प्रक्रिया को लेकर प्रशासन भी स्पष्ट दिशा तय नहीं कर पा रहा।

वहीं निजी कॉलेजों में सीट वितरण पर भी प्रभाव पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर भिलाई मेडिकल कॉलेज में 57 सीटें हैं, जिनमें पहले 49 राज्य कोटे की थीं। इसी तरह रायपुर के दो निजी कॉलेजों में क्रमशः 63 सीटें (54 राज्य, 9 अन्य) और 66 सीटें (57 राज्य, 9 अन्य) उपलब्ध थीं। स्टेट कोटा कम होने के बाद ये अनुपात बदलेगा और सीटें बाहरी छात्रों को भी उपलब्ध होंगी। यह स्थिति स्थानीय अभ्यर्थियों में असंतोष और चयन प्रतिस्पर्धा को और बढ़ा सकती है।

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