Medical Education Recruitment : 125 सहायक प्राध्यापक के पदों पर सीधी भर्ती, पीएससी ने जारी किया विज्ञापन
Medical Education Recruitment
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को नए सिरे से सुदृढ़ करने और मेडिकल शिक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप सक्षम बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने 125 सहायक प्राध्यापक (Assistant Professor) के पदों पर सीधी भर्ती (Medical Education Recruitment) की घोषणा की है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) द्वारा विज्ञापन जारी कर दिया गया है।
35 विभागों, 10 मेडिकल कॉलेजों में होंगे नियुक्ति
ये पद प्रदेश के 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के 35 विभागों में रिक्त चल रहे थे। भर्ती जिन प्रमुख विषयों में की जाएगी, उनमें शामिल हैं—
पैथोलॉजी
मेडिसिन
सर्जरी
बालरोग विभाग (Pediatrics)
रेडियोलॉजी
एनेस्थीसिया
गायनेकोलॉजी एवं प्रसूति विभाग
कम्युनिटी मेडिसिन
फॉरेंसिक मेडिसिन
माइक्रोबायोलॉजी
फिजियोलॉजी
एनाटॉमी
इन नियुक्तियों से मेडिकल कॉलेजों में लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरा जा सकेगा।
आवेदन तिथि और भर्ती की श्रेणीवार संख्या
CGPSC की ओर से जारी जानकारी के अनुसार—
ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ : 25 नवंबर 2025
अंतिम तिथि : 24 दिसंबर 2025
125 पदों का आरक्षण वर्गवार इस प्रकार है—
| वर्ग | पद |
|---|---|
| अनारक्षित | 45 |
| अज (SC) | 21 |
| अजजा (ST) | 43 |
| अपवि (OBC) | 16 |
मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का बयान
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस निर्णय को मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में “ऐतिहासिक कदम” बताते हुए कहा:
“यह भर्ती न केवल भविष्य के डॉक्टरों को उच्च स्तरीय शिक्षा देगी, बल्कि प्रदेश की पूरी स्वास्थ्य प्रणाली को नई मजबूती प्रदान करेगी।”
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा:
“विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी दूर होने से मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई और प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ेगी। इसका सीधा असर अस्पतालों में मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा।”
स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार
विशेषज्ञों का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर सहायक प्राध्यापकों की भर्ती से—
मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई को नई गति मिलेगी
सुपर स्पेशलिटी विभागों को विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे
अस्पतालों में मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा
स्वास्थ्य ढांचा और मजबूत होगा
राज्य सरकार का यह कदम छत्तीसगढ़ की मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देगा।
