Maoist Urban Network : जंगल छोड़कर शहरों में जड़ें जमाने की कोशिश…माओवादी नेटवर्क पर गृह मंत्री सख्त…

Maoist Urban Network : जंगल छोड़कर शहरों में जड़ें जमाने की कोशिश…माओवादी नेटवर्क पर गृह मंत्री सख्त…

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Maoist Urban Network : माओवादी गतिविधियों का दायरा अब जंगल से निकलकर शहरी क्षेत्रों तक फैलने लगा है। सुरक्षा बलों के लगातार अभियानों से बस्तर के जंगलों में दबाव झेल रहे नक्सली अब शहरों में नए ठिकाने बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में रायपुर और कोरबा से दंपती समेत तीन माओवादियों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।

प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि माओवादी (Maoist Urban Network) अब शहरी नेटवर्क तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां इन गतिविधियों की प्रोफाइलिंग कर रही हैं और पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने किरायेदारों की जानकारी पुलिस द्वारा बनाए गए एप पर दर्ज कराएं। गृह मंत्री ने कहा कि माओवादी घुसपैठ और गुप्त गतिविधियों को रोकने में जनसहयोग बेहद अहम है।

माओवादियों की फंडिंग पर चोट

गृह मंत्री शर्मा ने जानकारी दी कि हाल की गिरफ्तारियों में नकदी और सोने के बिस्कुट बरामद हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि माओवादियों की फंडिंग 80 प्रतिशत तक घट चुकी है, लेकिन इसके बावजूद उनके पास इतनी संपत्ति होना चिंता का विषय है।

गौरतलब है कि रायपुर से पकड़े गए दंपती में जग्गू कुरसम और उसकी पत्नी कमला शामिल हैं, जबकि रामा किचाम को कोरबा से गिरफ्तार (Maoist Urban Network) किया गया। रामा मजदूरी के बहाने कोयला खदान क्षेत्र में सक्रिय था और शहर के मजदूर संगठनों के जरिए माओवादियों को आर्थिक और तकनीकी मदद पहुंचा रहा था।

शहरी नेटवर्क पर निगरानी

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर माओवादी (Maoist Urban Network) शहरों में मजबूत नेटवर्क बना लेते हैं, तो यह सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती साबित हो सकता है। ऐसे में पुलिस और खुफिया एजेंसियां न केवल जंगल, बल्कि अब शहरी बस्तियों पर भी विशेष नजर रख रही हैं।

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