वार्डो के आरक्षण में टूट गए कईयों के ख्वाब, नए सपनो ने भी ली अंगड़ाई
दुर्ग। निगम चुनाव के मद्देनजर आरक्षण की प्रक्रिया गुरुवार को कलेक्ट्रेट में संपन्न किया गया । आरक्षण प्रक्रिया में महिलाओं के आरक्षण में शहर के कई दिग्गज पार्षदों की सीट बदल गई है। शहर के 60 वार्डों में 2004 से अब तक के चक्रानुपात में रोस्टर चला है।
उसी अनुपात में आरक्षण की प्रक्रिया अपनाई गई। एक तिहाई महिलाओ को चुनाव में अवसर दिया जाना है। 2 लाख 68 हजार 806 की आबादी पर एससी 11.6 % , 4.68 परसेंट एसटी एवं ओबीसी 41 % माना गया है। इस तरह मिलाकर 50 % आरक्षण करना है। लेकिन ओबीसी के संख्या अनुपात को देखते हुए 41 % के बजाय इसे 33 % आरक्षण माना जा रहा है। इसके बाद 20 वार्ड आरक्षित हुए हैं जिसमें 7 महिला के लिए आरक्षित है।
एससी के सात वार्ड जिसमे दो महिला के लिए आरक्षित है। एसटी के तीन वार्ड में एक महिला का आरक्षण दिया गया है। सामान्य सीटों में 30 में से 10 महिलाओं को अवसर मिला है । इस आरक्षण प्रक्रिया में खास बातें यह रही कि ओबीसी का आरक्षण बढ़ा है। पूर्व में यह 17 थी जो अब बढ़कर 20 हो गई हैं।
आरक्षण के फलस्वरुप महापौर का वार्ड पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुआ है। इसी तरह वरिष्ठ पार्षद मदन जैन का वार्ड महिला वार्ड हो गया है।
ऋषभ जैन का ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हुआ है। नीता जैन का वार्ड 38 ओबीसी के खाते में गया है। इसी तरह नरेश तेजवानी का वार्ड भी ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हुआ है । कांग्रेस नेता नारायणी का वार्ड भी ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हुआ है। इस आरक्षण में अरुण सिंह, शिवेंद्र परिहार का वार्ड महिला हो गया। फलस्वरुप बदली स्थिति में देवनारायण चंद्राकर का वार्ड भी महिला हुआ है। काशीराम कोसरे का वार्ड महिला हुआ है। एमआईसी में शामिल बहुत से नेता आरक्षण में प्रभावित हुए हैं। केलाबाड़ी कसारीडीह के पार्षद अल्ताफ अहमद व हामिद खोखर का वार्ड ओबीसी हो गया। कलेक्ट्रेट परिषद में आरक्षण के प्रक्रिया संपन्न कराई गई जिसमें कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, उपचुनाव अधिकारी वीरेंद्र सिंह और कमिश्नर सुमित अग्रवाल के अलावा पार्षदगण, अभ्यर्थी एवं पत्रकार गण उपस्थित रहे।