कलम रायपुर के सत्र में शामिल हुए कोड काकोरी के लेखक मनोज राजन त्रिपाठी, कहा- करियर का मतलब सिर्फ पैसे कमाना नहीं है, नाम कमाना होना चाहिए
नवप्रदेश। प्रभा खेतान फाउंडेशन के कार्यक्रम कलम रायपुर के सत्र में कोड काकोरी के लेखक मनोज राजन त्रिपाठी (Manoj Rajan Tripathi) शामिल हुए. कलम का संचालन अभिकल्प फाउंडेशन के संस्थापक गौरव गिरिजा शुक्ला ने किया. चर्चा के इस सत्र में कहानियाँ, किताबें, युवा, समाज और मीडिया जैसे तमाम पहलुओं पर चर्चा हुई.
मनोज राजन त्रिपाठी करीब तीस वर्षों से पत्रकारिता में हैं. इसके साथ ही परेश रावल की फिल्म अतिथि तुम कब जाओगे पार्ट टू के डायलाग राइटर हैं. पत्रकारिता में पुरस्कार के साथ साथ सिंगिंग रियलिटी शो सा रे गा मा पा जैसे अनेक नेशनल प्लेटफार्म में अवार्ड्स जीत चुके हैं.
कार्यक्रम में गौरव गिरिजा के सवालों के जवाब देते हुए लेखक ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी बहुत ज़रूरी है लेकिन मर्यादाओं का ख्याल रखना आवश्यक है. दर असल यह सवाल ओटीटी प्लेटफार्म पर दिखाई जाने वाली हिंसा, गालियाँ और नग्नता पर था. उन्होंने कहा कि आज की बोलचाल की भाषा को साहित्य में शामिल करना कोई गलत बात नहीं है. आज का युवा जिस भाषा में बातें करता है उससे उसी में संवाद किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मैं हमेशा आज की पीढ़ी से जुड़ा रहना चाहता हूँ ताकि अपडेट होता रहूँ. मुझे इन्स्टाग्राम अच्छे से चलाना मेरी बेटी ने सिखाया. लेखक मनोज राजन ने अपने करियर का सफ़र भी पाठकों के साथ साझा किया.
कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार इंदिरा मिश्र ने स्मृतिचिह्न भेंट किया. रायपुर कलम की अब तक पचास से भी अधिक कड़ियाँ राजधानी में आयोजित हो चुकी हैं. जहाँ देश के सुप्रसिद्ध साहित्यकार शिरकत कर चुके हैं. कलम रायपुर के प्रायोजक श्री सेमेंट्स हैं, प्रभा खेतान फाउंडेशन, अभिकल्प फाउंडेशन, हयात रायपुर की सहभागिता है.
कलम रायपुर में लेखक के कुछ ख़ास वक्तव्य-
• लेखक बनने के लिए आस पास की चीजों में कहानियाँ ढूँढना ज़रूरी है
• कोड काकोरी लिखने का ख्याल काकोरी कबाब खाते हुए आया
• कोड काकोरी में मर्डर मिस्ट्री तो है लेकिन यह किताब थ्रिल के साथ साथ हंसाती भी है
• मैं हमेशा आज की पीढ़ी से जुड़ा रहना चाहता हूँ ताकि अपडेट होता रहूँ
• आपके भीतर कोई कहानी पल रही है तो उसे लिख डालिए, क्योंकि वैसी ही कोई कहानी किसी और के दिमाग में भी चल रहो होगी और वो आपसे पहले लिख लेगा.