कानून के शिकंजे में रेलवे ई-टिकट दलाल, 14 लाख से ज्यादा की टिकटें जब्त

कानून के शिकंजे में रेलवे ई-टिकट दलाल, 14 लाख से ज्यादा की टिकटें जब्त

नवप्रदेश संवाददाता
मनेन्द्रगढ़। रेलवे सुरक्षा बल अनूपपुर एवं अंबिकापुर की संयुक्त टीम ने रेलवे ई-टिकट के अवैध कारोबार के जुर्म में अंबिकापुर से एक युवक को हिरासत में लिया है। आरोपी के पास से 14 लाख रूपए से अधिक की टिकटें जब्त की गई हैं। प्रभारी निरीक्षक आरपी सिंह आरपीएफ अनूपपूर मय स्टाफ पोस्ट प्रभारी निरीक्षक एके यादव आरपीएफ अंबिकापुर के साथ संयुक्त रूप से 3 जून करीब 11 बजे गांधी चौक निगम कॉम्पलेक्स प्रथम तल अंबिकापुर में स्थित रामा ऐसोसिएट कंप्यूटर, रेलवे टिकट काउंटर दुकान में पहुंचे। दुकान संचालक से पूछताछ करने पर उसने अपना नाम व पता रवि कुमार बुधिया पिता स्व. राजेंद्र बुधिया 42 वर्ष निवासी सदर रोड वार्ड क्र. 39, कंचन ज्वेलर्स के सामने थाना सिटी कोतवाली सरगुजा बताया। आगे पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि वह रेलवे ई-टिकट बनाने का कार्य करता है तथा आईआरसीटीसी का एजेंट आईडी की वैधता करीबन तीन साल पहले समाप्त हो जाने के बाद भी ग्राहकों के द्वारा मांग किए जाने पर वह अपने निजी आईडी से रेलवे ई-टिकट बनाकर बेचने का कार्य करता है। उससे कंप्यूटर चेक कराने की मांग किए जाने पर उसके द्वारा स्वयं कंप्यूटर से अपने 13 नग निजी आईडी से कुल 106 नग रेलवे ई-टिकट जिसकी कीमत 1 लाख 54 हजार 200 रूपए है, जिसका ट्रांजेक्शन वह अपने एसबीआई एकाउंट से करता है। उक्त रेलवे ई-टिकटों को अपने निजी आईडी से बनाकर बेचने के संबंध में वैधानिक दस्तावेज या लाइसेंस की मांग करने पर वह कुछ भी दिखाने में असमर्थ रहा तथा अपने पर्सनल आईडी से रेलवे ई-टिकट बनाकर प्रत्येक व्यक्ति 100 रूपए टिकट किराए से अतिरिक्त कमीशन लेकर रेलवे ई-टिकट का अवैध व्यापार करने का अपराध स्वीकार किया। आरोपी को मय जप्तशुदा संपत्ति के साथ हिरासत में लेकर आरपीएफ पोस्ट अंबिकापुर लाया गया। आईआरसीटीसी से आरोपी द्वारा उक्त 13 नग निजी आईडी से पिछले एक वर्ष से बनाए गए रेल ई-टिकट की डिटेल मांग किए जाने पर आईआरसीटीसी के द्वारा उक्त 13 नग आईडी से कुल 1 हजार 54 रेल ई-टिकट जिसकी कीमत 14 लाख 25 हजार 910 रूपए है जब्त किए गए। इस कार्रवाई में रेलवे सुरक्षा बल अगुशा अनूपपुर के निरीक्षक आरपी सिंह, उप निरीक्षक आरएस मिश्रा, प्रधान आरक्षक एसबी प्रसाद, आरक्षक पीके मिश्रा एवं आरपीएफ पोस्ट अंबिकापुर के निरीक्षक एसके यादव एवं उप निरीक्षक एसके दुबे की मुख्य भूमिका रही।

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