संपादकीय: ममता बनर्जी का बेतुका बयान

Mamata Banerjee's absurd statement

Mamata Banerjee's absurd statement


Editorial: बंगाल की मुख्यमंत्री के वर्धमान जिले के एक मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ दुष्कर्म की घटना को लेकर बंगाल में फिर से बवाल खड़ा हो गया है। गौरतलब है कि पिछले साल 9 अगस्त को आरजीकर मेडिकल कॉलेज की एक छात्रा के साथ रेप की घटना हुई थी और इसके बाद उसकी हत्या भी कर दी गई थी। उस मामले को लेकर भी बंगाल में जबरदस्त बवाल हुआ था। एक बार फिर बंगाल में एक और मेडिकल की छात्रा रेप की शिकार हुई है हालांकि इस घटना अंजाम देने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार कर लिये गये हैं। जबकि दो आरोपी अभी भी फरार हैं। इस घटना को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जो बेतुका बयान दिया है उसे लेकर बवाल मच गया है।

ममता बनर्जी ने कहा है कि देर रात लड़कियों को बाहर नहीं निकलता चाहिए। यही नहीं बल्कि उन्होंने इस घटना के लिए कॉलेज प्रबंधन को भी जिम्मेदार ठहरा दिया है और कहा है कि पीडि़ता की सुरक्षा की जिम्मेदारी कॉलेज प्रबंधन की है। एक महिला मुख्यमंत्री होते हुए भी उन्होंने पीडि़त लड़की के प्रति जो असंवेदनशीलता दिखाई है उसे लेकर ममता बनर्जी के खिलाफ भाजपा ने हल्ला बोल दिया है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीडि़ता को न्याय सुनिश्चित कराने की बजाय पीडि़ता को ही दोष दे रही हैं उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

इस मामले को उड़ीसा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभना मोहंती ने भी गंभीरता से लिया है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की पुरजोर मांग की है। वहीं पीडि़ता के पिता ने कहा है कि उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए अपनी बेटी को बंगाल भेजकर बहुत बड़ी गलती की है अब उन्हें अपनी बेटी की सुरक्षा की चिंता है जिसे मानसिक और शारीरिक आघात पहुंचा है। वे अब अपनी बेटी को ओडिशा ले जाएंगे। बंगाल की इस घटना ने एक बार फिर वहां की कानून और व्यवस्था बद से बदतर होती स्थिति की पोल खोलकर रख दी है।

वहां अपराधियों में कानून का कोई खौफ नहीं है। आपराधिक तत्वों के लिए तो यही बात हो गई है कि सैयां भय कोतवाल तो डर काहे का। महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटना आम बात हो गई है। वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने के लिए और महिलाओं की घर और घर से बाहर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए लेकिन वे अपने कर्तव्य के निर्वहन में विफल हो रही हैं। यही वजह है कि बंगाल में आपराधिक तत्वों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं और ममता बनर्जी महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को रोकने के बजाय पीडि़तों को ही जिम्मेदार ठहरा कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रही हैं।