कवर्धा,नवप्रदेश। कबीरधाम जिले के बोड़ल ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम जामुन पानी में 30 आदिवासी मलेरिया (Malarial Disease) की चपेट में आ गए हैं। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम जब वनांचल क्षेत्र जामुन पानी पहुंची तो वहां बैगा आदिवासियों की जांच की।
जिसमें लगभग 30 बैगा आदिवासी मलेरिया (Malarial Disease) से पीडि़त मिले। हालांकि किसी की स्थिति गंभीर नहीं है। मंगलवार की सुबह कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा वनांचल क्षेत्र पहुंचे और मरीजों से जाकर उनका हालचाल जाना।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सभी दवाएं उपलब्ध कराते हुए आदिवासियों का विशेष रूप से ध्यान रखने का निर्देश दिया। बता दें कि घने जंगलों के अंदर भी बहुत से मच्छर (Malarial Disease) रहते हैं।
जो तेंदूपत्ता तोड़ते समय इन बैगा आदिवासियों को काट लेते हैं। जिनसे वे मलेरिया का शिकार हो जाते हैं। हालांकि ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग को भी महज खानापूर्ति ना करते हुए समय-समय पर मलेरिया के संबंध में जानकारी प्रदान की जानी चाहिए और ऐसे वनांचल क्षेत्रों में जांच के लिए भी टीम होना चाहिए जिससे इन बैगा आदिवासियों को इसका पूरा लाभ मिल सके।
इसके साथ ही वनांचल वासियों को मलेरिया जैसी बीमारी से बचाने मच्छरदानी का वितरण किया गया है ।
तेंदूपत्ता तोडऩे का कार्य जोरों राज्य सरकार बैगा आदिवासियों को आर्थिक रूप से संपन्न करने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के कार्य लिए जा रहे हैं वही वनांचल क्षेत्र जैसे जामुन पानी में अभी वर्तमान समय में तेंदूपत्ता तोडऩे का कार्य आदिवासियों के द्वारा किया जा रहा है।
इन आदिवासियों के पास मच्छरों से सुरक्षा के लिए मच्छरदानी तक की व्यवस्था नहीं है, वही जिनके पास मच्छरदानी है वे जानकारी के अभाव में इसका उपयोग नहीं कर पाते। अलग-अलग योजनाओं से बैगा आदिवासियों को लाभ पहुंचाने विभागों के लिए रूपरेखा तैयार की गई है जिनमें समय-समय पर मच्छरदानी का वितरण स्वास्थ्य जांच सहित अन्य सुविधाएं शामिल हंै।