Malaria fever : जानिए…मलेरिया के प्रकार और घरेलू उपचार
Malaria fever : मलेरिया ज्वर एक प्रकार के प्रोटोजोआ एनीफेलैंस (Anophelines) प्रकार के मादा मच्छरों के द्वारा ही एक-दूसरे में फैलता है। इसमें रोगी को थकावट, गर्दन में अकड़ाहट, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द और खाने-पीने में अरूचि, जी मचलाना, उल्टी आना, चक्कर आना इस ज्वर में आम लक्षण हैं।
Malaria fever : मलेरिया ज्वर के घरेलू उपचार
भुनी हुई फिटकरी में चार गुना चीनी पीसकर मिलायें और 2-2 ग्राम की मात्रा में गरम जल से दो-दो घंटे बाद दिन में तीन खुराक दें। इससे मलेरिया का ज्वर ठीक हो जाता हैं।
मलेरिया में चकोतरा बहुत लाभकारी है। क्योंकि इसमें प्राकृतिक कुमैन होती है। इसके गूदे को उबालकर प्रयोग में लायें।
नींबू काटकर उसमें नमक लगाकर चूसते रहने से मलेरिया का विष दूर हो जाता है।
इसके उपचार के लिए ‘गिलोय’ अथवा ‘गुडची’ का प्रयोग भी बहुत प्रचलित है। इसका रस निकालकर छः चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार रोगी को पिलाएं।
Malaria fever : इसमे रोगी को ठोस पदार्थ खाने को नहीं देने चाहिए। तरल पदार्थ अथवा फल खिलाने चाहिए तली हुई मसालेदार तथा मैदे की चीजें देना हानिकारक होता है। साबूदाना दूध में बनाकर देने से रोगी की शक्ति बनी रहती है।
6 ग्राम भुना हुआ नमक एक गिलास गरम पानी से लेने से मलेरिया बुखार समाप्त हो जाता है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप के रोगी और बूढ़े व्यक्ति इसका सेवन न करें।
नियमित रूप से अपने घरों में रखें कूलरों, टंकियों आदि की सफाई करते रहनी चाहिए।
छिलके सहित नींबू 500 ग्राम पानी में मिट्टी की हंडिया में डालकर प्रातःकाल इसे पीने से मलेरिया ठीक हो जाता है।
जिस मलेरिया में फ्लू के समान दर्द होता हो, उसमें गर्म पानी में नींबू का रस मिलाकर पीते रहने से सिर दर्द दूर हो जाता है। नींबू पानी में शहद मिला लेने से मलेरिया ज्वर में जो अरूचि पैदा हो जाती है-वह भी समाप्त हो जाती है।
हरसिंगार के पेड़ की छाल की भस्म तथा फिटकरी की भस्म 5-5 ग्राम, काली तुलसी के पत्तों का चूर्ण, काली मिर्च का चूर्ण, नीम के पेड़ के तने के भीतरी भाग की छाल का चूर्ण, नागरमोथा चूर्ण तथा छोटी पिप्पली का चूर्ण सभी 10 ग्राम की समान मात्रा में लेकर कूट छानकर हरसिंगार के पत्तों के काढ़े में घोटकर चार-चार रत्ती की गोलियां बना लें। दो-दो गोली एक-एक घंटे बाद तीन बार देने से मलेरिया का विषम ज्वर ठीक हो जाता है। गोली गरम पानी से दें।
मलेरिया के रोगी को नीम के तीन-चार हरे पत्ते काली मिर्च के साथ चबाने के लिए देने से भी लाभ होता है। नीम की कड़वाहट रक्त में से मलेरिया के विष को दूर करती है।