Mahant Yagyanand Brahmachari : मनोनीत राज्य अध्यक्ष महंत यज्ञानंद ब्रम्हचारी का सम्मान कार्यक्रम, विजय कुमार गुप्ता ने किया सम्मानित
दुर्ग, नवप्रदेश। सनातन धर्म परिषद न्यास के अनुसांगिक संगठन सनातन धर्म मठ मंदिर प्रबंधन महासभा द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य हेतु महंत यज्ञानंद ब्रम्हचारी जी का मनोनयन किया गया। महंत यज्ञानंद जी का अनुभव, प्रेरणा, संघर्ष और वृहद आध्यात्मिक ज्ञान ने उन्हें मठ मंदिर प्रकोष्ठ के अंतर्गत व्याप्त समस्याओं का सही मार्गदर्शन लाभ संपूर्ण सनातन प्रेमियों को मिलेगा।
इसी तारतम्य में महंत जी के सम्मान हेतु नर नारायण मंदिर बोरसी में धर्म सभा में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि श्री डा तपन
ककाटी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री, एवम राष्ट्रीय अध्यक्ष सनातन धर्म पुरोहित सभा श्री अरूण मिश्रा जी ने अध्यक्षता की।
कार्यक्रम का संचालन विजय कुमार गुप्ता एवम श्री रघुनंदन लाल श्रीवास्तव ने किया। विशेष अतिथि के रूप में मंच पर श्री कैलाश शर्मा पूर्व विधायक, श्री बी एल गजपाल पूर्व एडिशनल कमिश्नर,श्री उत्कर्ष भट्ट, पंडित राजेश त्रिपाठी, श्री नंदकिशोर पांडेय, श्री शशिभूषण मोहंती, संत अवधभिहारी जी, श्री नरेंद्र सिंह राठौर, श्री एस एल विश्वकर्मा जी उपस्थित ह
स्वागत औपचारिकताओं पश्चात महाराज महंत यज्ञानंद जी का परिचय श्री रघुनंदन जी ने बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां प्रस्तुत की। अपने शिष्यों के साथ सदैव स्नेहिल वार्ता, उनकी समस्या सुनना और निदान, आत्मीय व्यवहार, संघर्ष और चुनौतियों के बावजूद आध्यात्म और ज्योतिष का महा ज्ञान, मानवीय व्यवहार और संबंधों के प्रणेता के रूप में जन समुदाय, धर्म निष्ठ लोगों को परिचय करवाया। यह भी जानकारी दी कि, विजय कुमार गुप्ता महंत यज्ञानंद जी के प्रथम शिष्य 1978 से ह
परिचय उपरांत शाल श्री फल, माला से महंत जी सम्मान करने पूरा सदन उमड़ पड़ा। श्री राजेश श्रीवास्तव,श्री दिनेश तिवारी, श्री अनिरुद्ध शर्मा, श्री अभिषेक शर्मा, विजय गुप्ता, श्री भागवत राम धीवर जी ने इस अवसर महंत जी का हृदय से सम्मान किया। सभी सनातन धर्म प्रेमियों को महंत जी का आत्मीय सम्मान करने का गौरव भी हुआ। सभा में सनातन धर्म परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी निहारिका मिश्रा, संतोष रावत, हेमंत राय, विष्णु पाठक, सुरेंद्र गौतम, वीरेंद्र सूरी, सुंदर साहू, राष्ट्रीय सनातन पत्रिका के राष्ट्रीय सचिव अनिल तिवारी, मीडिया प्रभारी सोनो त्रिपाठी उत्कर्ष भट्ट ने अनेक संक्षिप्त विचारों से हिंदू धर्म की रक्षा को अति आवश्यक कदम बताया। गौ ,ब्राम्हण, संतों की सुरक्षा के पीछे धर्म, संस्कृति और संस्कार सभ्यता ही प्रमुख केंद्र बिंदु हैं। जिनका प्रतिपालन वर्तमान दौर में और भी जरूरी हुआ है।
अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में बताया, कि अल्प समय में उन्होंने अनेक राज्यों में गठन प्रक्रिया पूर्ण की है।मुख्य अतिथि ने आव्हान किया कि, हिंदुत्व जागरण और धर्म रक्षा के ठोस उपायों को कारगर बनाने ठोस कदम उठाने होंगे।अपने उद्बोधन के मध्य शानदार मंच संचालन कर रहे विजय गुप्ता का अपने हाथों से सम्मान किया। तत्पश्चात श्री रघुनंदन श्रीवास्तव जी का भी सम्मान किया गया। महंत यज्ञानंद ब्रम्हचारी जी ने आशीर्वचन में संस्कार व्यवहार के प्रति सजगता और सभी कार्यक्रमों में समय पर उपस्थिति के लाभ की बात समझाई गई। आभार और समापन वक्तव्य पश्चात धर्म सभा समाप्त हुई। उक्त जानकारी विजय कुमार गुप्ता द्वारा प्रदान की गई।