Mahadev Betting App : महादेव सट्टा एप मामले में 12 आरोपितों को मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत

Mahadev Betting App : महादेव सट्टा एप मामले में 12 आरोपितों को मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत

Mahadev Betting App

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Mahadev Betting App : चर्चित महादेव सट्टा एप (Mahadev Betting App) मामले में ढाई साल से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद 12 आरोपितों को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस एम.एम. सूदरैश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की संयुक्त पीठ ने मंगलवार को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपितों की जमानत मंजूर कर ली। अदालत ने कहा कि अब तक मामले में जांच एजेंसियों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य प्रारंभिक स्तर के हैं, इसलिए इन आरोपितों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत राहत दी जा सकती है।

जमानत पाने वालों में निलंबित एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, निलंबित कांस्टेबल भीम सिंह यादव, अर्जुन यादव, सुनील दम्मामी, अमित अग्रवाल, रितेश यादव, भारत ज्योति, विश्वजीत राय, राहुल वकटे और नीतीश दीवान शामिल हैं। इन सभी को रायपुर सेंट्रल जेल में वर्ष 2022 से न्यायिक हिरासत में रखा गया था।

इस महादेव सट्टा एप (Mahadev Betting App) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू-एसीबी) ने अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए हैं, जबकि अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी मामले की जांच अपने हाथों में ले ली है। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है, और इनकी रिहाई से साक्ष्यों से छेड़छाड़ की संभावना बनी रहेगी। हालांकि, अदालत ने यह तर्क अस्वीकार करते हुए कहा कि आरोपितों को दो वर्ष से अधिक समय से जेल में रखा गया है और जांच एजेंसियों को पर्याप्त समय दिया जा चुका है।

जानकारी के अनुसार, महादेव सट्टा एप (Mahadev Betting App) का मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हैं, जो मूल रूप से छत्तीसगढ़ के निवासी हैं। बताया जा रहा है कि दोनों वर्तमान में दुबई में रह रहे हैं और वहीं से एप का संचालन कर रहे हैं। इस सट्टा एप के माध्यम से करोड़ों रुपये का अवैध लेनदेन किया गया है, जो न केवल भारत बल्कि विदेशों तक फैला हुआ है।

ईडी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, इस महादेव सट्टा एप (Mahadev Betting App) नेटवर्क का दायरा 28 राज्यों में फैला हुआ है। अब तक एजेंसी ने 417 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की है। वहीं, कई कारोबारी, तकनीकी सहयोगी और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है।

राजधानी रायपुर और दुर्ग में अब तक हुई छापामार कार्रवाई में पुलिस ने 25 से अधिक मोबाइल फोन, 18 लैपटॉप, बैंक खातों और करोड़ों रुपये की संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए हैं। सूत्रों के मुताबिक, सट्टेबाजी से हुई कमाई को क्रिप्टोकरेंसी और हवाला के जरिए विदेशों में भेजा जाता था।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एजेंसियों को जांच निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से करनी चाहिए तथा न्याय के सिद्धांतों के अनुसार निर्दोष व्यक्तियों को अनावश्यक रूप से जेल में नहीं रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जमानत का अर्थ दोषमुक्ति नहीं है।

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भविष्य में महादेव सट्टा एप (Mahadev Betting App) मामले से जुड़े अन्य आरोपितों के लिए भी मिसाल बन सकता है। वहीं, प्रदेश की राजनीति में इस फैसले को लेकर हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने इसे “ऑनलाइन सट्टा सिंडिकेट को राजनीतिक संरक्षण” का परिणाम बताया है, जबकि ruling पार्टी का कहना है कि सरकार पारदर्शी जांच के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियां अब दुबई में बैठे मुख्य संचालकों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के प्रत्यर्पण की दिशा में काम कर रही हैं। भारत सरकार ने इंटरपोल के माध्यम से दोनों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।