Low Unemployment In Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ कम बेरोजगार वाले राज्यों में निरन्तर बना सिरमोर,अगस्त महीने में राज्य की बेरोजगारी दर मात्र 0.4 प्रतिशत    

Low Unemployment In Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ कम बेरोजगार वाले राज्यों में निरन्तर बना सिरमोर,अगस्त महीने में राज्य की बेरोजगारी दर मात्र 0.4 प्रतिशत    

रायपुर, नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ पिछले कई महीनों से सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में उच्च स्थान पर बना हुआ है। छत्तीसगढ़ में साढ़े तीन साल में शहरी-ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित (Low Unemployment In Chhattisgarh) करने तथा रोजगार के नये अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं का असर है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हो रहे कार्यों के परिणाम स्वरूप सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्य का गौरव हासिल (Low Unemployment In Chhattisgarh) कर रहा है।

अगस्त 2022 में छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.4 प्रतिशत है। जबकि देश में बेरोजगारी दर 8.3 प्रतिशत है। जुलाई महीने में छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.8 प्रतिशत रही। मई महीने में 0.7 प्रतिशत तथा मार्च-अप्रैल महीने में छत्तीसगढ़ मेें बेरोजगारी दर सबसे कम 0.6 प्रतिशत (Low Unemployment In Chhattisgarh) रही।

सीएमआईई द्वारा जारी किए गए नये आंकड़ों के अनुसार अगस्त में बेरोजगारी दर बिहार में 12.8 प्रतिशत, गोवा में 13.7 प्रतिशत, गुजरात में 2.6 प्रतिशत, हरियाणा में 37.3 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 7.3 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में 32.8 प्रतिशत, कर्नाटक में 3.5 प्रतिशत तथा मध्यप्रदेश में 2.6 प्रतिशत दर्ज की गई है। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में सरकार बनते ही अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए कई कार्य किए गए। ऐसी योजनाओं पर जोर दिया गया तथा क्रियान्वयन किया गया जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित हो। सरकार बनने के साथ ही कर्ज माफी तथा समर्थन मूल्य में वृद्धि जैसे योजनाओं से शुरूआत की गई।

इसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन किसान न्याय योजना, नयी औद्योगिक नीति का निर्माण, वन तथा कृषि उपजों के संग्रहण की बेहतर व्यवस्था,

उपजों का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण तथा वैल्यू एडीशन, ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण दर में वृद्धि तथा 65 तरह के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीद, तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर में वृद्धि, मछली पालन तथा लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा, परंपरागत शिल्पियों, बुनकरों तथा उद्यमियों को प्रोत्साहन, हर जिले में सी-मार्ट की स्थापना जैसे अनेक कदम उठाए गए।

स्कूलों में नियमित शिक्षक की भर्ती की जाएगी। आत्मानंद स्कूल का विस्तार के साथ ही अंग्रेजी माध्यम कॉलेज की भी शुरूआत की जा रही है। गोधन न्याय योजना का विस्तार करते हुए गोमूत्र खरीदी की शुरूआत की गई है। खरीदे गए गोमूत्र से भी खाद तथा कीटनाशकों का निर्माण किया जाएगा, जिससे रोजगार के नये अवसरों का सृजन होगा।

गांव-गांव में निर्मित गौठानों को भी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में उन्नत किया जा रहा है, जहां तेल मिल, दाल मिल, मिनी राइस मिल जैसी प्रोसेसिंग इकाईयां स्थापित की जा रही हैं। गौठानों में विभिन्न उत्पादों का भी निर्माण किया जा रहा है।

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