लोकसभा : रिपोर्ट में असहमति टिप्पणियों को शामिल न किये जाने पर विपक्ष का बहिर्गमन

लोकसभा : रिपोर्ट में असहमति टिप्पणियों को शामिल न किये जाने पर विपक्ष का बहिर्गमन

नयी दिल्ली (वार्ता) (Waqf Amendment Bill in Lok Sabha) लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर पेश संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट में असहमति टिप्पणियों को शामिल न किये जाने का आरोप लगाते हुये विपक्ष ने गुरुवार को जोरदार हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन किया।
समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने जैसे ही समिति का प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखा, विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया। इसी बीच, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, अध्यक्ष विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जतायी है, इनके जो विमत हैं, डिस्प्यूट हैं, इनको पूरी तरह से नहीं रखा गया है, मैं मेरी पार्टी की ओर से आपसे विनती करता हूं, कि जो डिस्प्यूट हैं, आप संसदीय कार्यप्रणाली के उपयुक्त रूप में जो जोडऩा है, जोड़ें, इसमें मेरी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं है। इस पर अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि विपक्ष के कुछ सदस्य उनसे मिले थे और अपनी आपत्तियां जतायी थी, उनकी असहमतियां रिपोर्ट के अनुलग्नक (एनेक्चर) में रखी गयी हैं। विपक्षी सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुये और वे हंगामा करते रहे। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिगर्मन किया।

टिप्पणियां कार्यवाही से हटाना अलोकतांत्रिक : खडग़े

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने गुरुवार को कहा कि वक्फ़ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) सदस्यों की असहमति की टिप्पणी हटाना गलत है और उसके बिना यह रिपोर्ट फर्जी है ,इसलिए इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने वक़्फ़ विधायक पर बनी जेपीसी में मनमानी करने का प्रयास किया और समिति के सदस्यों ने इसमे जिन बिन्दुओं को लेकर असहमति दी है उन सभी टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाया गया है। जेपीसी के सदस्यों की असहमतियों की रिपोर्ट को हटाना असंवैधानिक है और इसके बिना यह रिपोर्ट फर्जी है।
खडग़े ने कहा, वक्फ बोर्ड की जेपीसी में अनेक सांसदों ने अपनी असहमति की टिप्पणी दी है, लेकिन उन्हें कार्यवाही से निकाल दिया गया। यह अलोकतांत्रिक है। ये सदन इस फर्जी रिपोर्ट को नहीं मानेगा। उन्होंने कहा, मेरा अनुरोध है कि अगर इसमें असहमति की टिप्पणी हटाई गई हैं तो रिपोर्ट को वापस जेपीसी में भेजा जाए और इसमें संसद सदस्यों के असहमति की टिप्पणी को शामिल करके इसे दोबारा पेश किया जाए।अगर सरकार असंवैधानिक काम करेगी तो देशहित में हम अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे।

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