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Lok Sabha Elections 2024: हर दिन करोड़ों रुपये नकद बरामद, जब्त किए पैसे और शराब का चुनाव आयोग…

Lok Sabha Elections 2024: Crores of rupees in cash recovered every day, Election Commission seized money and liquor…

election commission seized money and liquor

– चुनाव के दौरान जब्त किये गये इन करोड़ों रुपये और शराब का क्या होता है और यह कहां जाता है?

नई दिल्ली। election commission seized money and liquor: देश में लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। चुनाव की घोषणा के बाद ही देश में आचार संहिता लागू हो जाती है। वोटों की गिनती 4 जून को होगी। सभी राजनीतिक दलों की तैयारियां भी जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। वोटरों को आकर्षित करने का काम शुरू। इसलिए चुनाव के दौरान हर दिन करोड़ों रुपये नकद बरामद होते हैं।

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव (election commission seized money and liquor) के दौरान अवैध रूप से या नियमों के विरुद्ध उपयोग की गई नकदी और शराब को पुलिस द्वारा जब्त कर लिया जाता है। चुनाव के दौरान जब्त किये गये इन करोड़ों रुपये और शराब का क्या होता है और यह कहां जाता है? बहुत से लोगों के मन में ये सवाल होता है। आइए जानते हैं इसके बारे में….

काले धन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल चुनावों में होता है। ज्यादातर उम्मीदवार चुनाव लडऩे के लिए आयोग द्वारा तय सीमा से कई गुना ज्यादा खर्च करते हैं। चुनाव कार्य में बिना हिसाब-किताब के काले धन का उपयोग किया जाता है। इसलिए, विभिन्न स्थानों से पार्टियों और उम्मीदवारों को बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाई जाती है।

इसके लिए पुलिस भी तैयार है। वे संदिग्ध दिखने वाले वाहनों और लोगों की जांच और पूछताछ करते हैं। इसके अलावा पुलिस को अपने सूत्रों या मुखबिरों से भी जानकारी मिलती है। फिर वे छापा मारकर नकदी या शराब जब्त कर लेते हैं।

चुनाव के दौरान पुलिस जो भी नकदी जब्त (Lok Sabha Elections 2024) करती है, उसे आयकर विभाग को सौंप दिया जाता है। जिस व्यक्ति से पुलिस नकदी वसूलती है वह बाद में उस पर दावा कर सकता है। व्यक्ति यह साबित करने में सफल हो जाता है कि पैसा उसका है और अवैध रूप से नहीं कमाया गया है, और यदि वह सबूत के तौर पर पूरी जानकारी प्रस्तुत करता है, तो पैसा उसे वापस कर दिया जाता है। सबूत के लिए आपके पास एटीएम ट्रांजैक्शन, बैंक रसीद और पासबुक एंट्री होनी चाहिए। यदि जब्त की गई रकम पर कोई दावा नहीं करता तो वह रकम सरकारी खजाने में चली जाती है।

चुनाव के दौरान नकदी के अलावा बड़ी मात्रा में शराब (election commission seized money and liquor) भी जब्त की जाती है। मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए शराब का प्रयोग किया जाता है। यदि यह शराब वैध तरीके से ले जायी जा रही हो तो कोई कार्रवाई नहीं होती है।

हालांकि बिना कागजात के परिवहन करने पर शराब जब्त कर ली जाती है। चुनाव के दौरान मिलने वाली सारी शराब को पहले एक जगह इक_ा किया जाता है। फिर उसे एक साथ नष्ट कर दिया जाता है।

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