Loan Moratorium : ब्याज पर ब्याज से मिली छूट में छग के इन वकीलों का भी अहम रोल
Loan Moratorium अवधि में भी बैंक वसूल रहे थे लोन की किश्त पर ब्याज पर ब्याज
रायपुर/नवप्रदेश। लोन मोरेटोरियम (Loan moratorium) मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कर्जदारों को भी बड़ी राहत प्रदान की है। इसके मुताबिक मोरेटोरियम अवधि मेंं कर्जदारों को ब्याज पर लगने वाला ब्याज यानी चक्रवृद्धि ब्याज नहीं देना होगा। कर्जदारों को मिली इस राहत में छत्तीसगढ़ के होनहार वकीलों का भी बड़ा योगदान रहा।
प्रदेश के वकीलों की ओर से दी गई दलीलों का कुछ ऐसा प्रभाव हुआ कि कर्जदारों को मोरेटोरियम अवधि में चक्रवृद्धि ब्याज चुकाने से राहत मिल गई। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर किसी बैंक ने ब्याज पर ब्याज वसूला है, तो वह लौटाना होगा।
राहत दिलाने वाले प्रदेश के इन वकीलों के नाम हैं- पूर्व एडवोकेट जनरल रविंद्र श्रीवास्तव तथा उनकी कुशल सहयोगी रायपुर निवासी एडवोकेट हरनीत कौर खनूजा, एडवोकेट अंशुमान श्रीवास्तव और एडवोकेट अभीजीत श्रीवास्तव। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि मोरेटोरियम की अवधि 31 अगस्त से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकती।
ये है मामला :
कोरोना महामारी के दौरान जहां देश की अर्थव्यवस्था लडख़ड़ाई है, वही बैंक के कर्जदार भी ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज की मार झेल रहे थे। करोना काल के दौरान केंद्र सरकार ने बैंक के कर्जदारों को राहत देते हुए किश्त की अवधि को आगे बढ़ा दिया था। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने दो करोड़ की राशि के नीचे के कर्जदारों को 8 श्रेणियों में बांटकर उन्हेंद ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज से छूट देने का फैसला किया था। लेकिन बैंक इस मोरटोरियम अवधि के दौरान भी किश्त की राशि पर ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज अपने ग्राहकों से वसूल कर रहे थे। इसकी शिकायत करते हुए मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।
…और ये सुप्रीम फैसला
बीते मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बैंक के कर्जदारों को बड़ी राहत देते हुए फैसला सुनाया कि बैंक मोरटोरियम (loan moratorium) के दौरान किस्त की राशि पर ब्याज पर ब्याज नहीं ले सकते। इस फैसले के साथ ही अदालत ने आरबीआई का वह निर्णय भी खारिज कर दिया गया, दो करोड़ की राशि से नीचे के ऋण पर ब्याज पर ब्याज को माफ कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह छूट सभी कर्जदारों को दी जाए।
प्रदेश के इन 6 व्यावसायिक संगठनों ने दायर की थी याचिका :
छत्तीसगढ़ से 6 व्यावसायिक संगठनों – छत्तीसगढ रियल एस्टेट डेवलपर्स
एसोसिएशन, रायपुर ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन, रायपुर आयरन एंड स्टील ट्रेड एसोसिएशन, सीजी होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन, सीजी उद्योग महासंघ, सीजी स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसका प्रतिनिधित्व रविंद्र श्रीवास्तव की टीम ने किया। इसमें उनकी कुशल सहयोगी रायपुर निवासी एडवोकेट हरनीत कौर खनूजा, एडवोकेट अंशुमान श्रीवास्तव और एडवोकेट अभीजीत श्रीवास्तव ने बड़ी भूमिका निभाई।