Loan EMI Increase : 3 साल के उच्च स्तर पर बॉन्ड यील्ड, जानिए…
नई दिल्ली। Loan EMI Increase : अगले कुछ महीनों में होम और दूसरे लोन्स पर आपकी ईएमआई तेजी से बढ़ सकती है। इसके बारे में सोमवार को बॉन्ड बाजार से मजबूत संकेत मिले हैं। शुरुआती कारोबार में 10 साल के सरकारी बॉन्ड पर बेंचमार्क यील्ड (Yield) 7.5 फीसदी सालाना से अधिक हो गई, जो कि तीन साल के उच्च स्तर से अधिक है।
बेंचमार्क यील्ड में बदलाव के बाद अब बैंक कर्ज और जमा (Loan EMI Increase) पर ब्याज दरों को बदलेंगे। बॉन्ड यील्ड में यह बढ़ोतरी ऐसे समय हुई है, जब आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक चल रही है। बुधवार सुबह आरबीआई एमपीसी के फैसले सामने आने की उम्मीद है। पिछले महीने आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि जून की पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीदें स्वाभाविक थीं। बैंकों को मई की शुरुआत में ब्याज दरों में 0.40 फीसदी के इजाफे के बाद अब 0.50 फीसद तक की वृद्धि की उम्मीद है।
अगले कुछ महीनों में तेजी से बढ़ेंगी ब्याज दरें
हालांकि, बॉन्ड बाजार के दिग्गजों को लगता है कि अगले कुछ महीनों में दरें और भी तेजी से बढ़ेंगी। मुख्य रूप से बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाया जाएगा। बता दें कि कच्चे तेल के भाव में तेजी आने से आने वाले महीनों में महंगाई और भी बढ़ सकती हैं। ब्रेंट क्रूड मंगलवार को अपने 14 साल के उच्च स्तर के करीब 120 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर ट्रेड करता दिखाई दिया।
बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम
बॉन्ड बाजार के दिग्गजों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने से भारत में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ सकती हैं। सरकार ने हाल ही में महंगाई पर लगाम लगाने के लिए पेट्रो उत्पादों पर शुल्क में बड़ी कटौती की थी। इसलिए अगर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि जारी रहती है, तो शुल्कों में और कटौती की गुंजाइश नहीं होगी। यह भारत में महंगाई को बढ़ा सकता है।
महंगाई रोकने को आरबीआई तेजी से बढ़ाएगा दरें
महंगाई में तेजी से वृद्धि को रोकने के लिए आरबीआई ब्याज दरों को और तेजी से बढ़ा सकता है, ताकि लोगों के पास खर्च करने के लिए कम पैसा रहे। लेकिन बढ़ती ब्याज दरों से निश्चित रूप से लोगों का ईएमआई पर खर्च बढ़ जाएगा। हाल ही में बड़ी संख्या में बैंकों, हाउस फाइनेंस कंपनियों और एनबीएफसी ने लोन्स को रेपो दर के साथ बेंचमार्क किया है, जो आरबीआई द्वारा तय की जाती है। एक बार जब आरबीआई रेपो दर बढ़ा देता है (जिस पर बैंक उससे धन उधार लेते हैं), तो इस दर के लिए बेंचमार्क किए गए सभी लोन्स पर भी ब्याज दरें बढ़ जाएंगी।
ब्याद दरों में हो सकता है 1.25% का इजाफा
एक डेट फंड मैनेजर (Loan EMI Increase) ने बताया कि 1 जून को 364-दिवसीय ट्रेजरी बिल नीलामी में कट-ऑफ यील्ड 6. 08% थी, जो इस बाजार के खिलाड़ियों के लिए बहुत बड़ा आश्चर्य था। पिछली बार टी-बिलों के लिए इतनी अधिक यील्ड तब देखी गई थी, जब रेपो दर 5. 75 फीसदी थी। इसकी तुलना में मौजूदा रेपो रेट 4.40 फीसदी है। इसलिए, बॉन्ड बाजार अगले कुछ महीनों में आरबीआई से रेपो रेट में लगभग 1.25 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद कर रहा है। फंड मैनेजर ने कहा, “यह संकेत है कि आरबीआई आने वाली समीक्षाओं में ब्याज दरों में भारी वृद्धि कर सकता है।”