Lithium Reserves In CG and J & K : कोलकाता की कंपनी को मिला कटघोरा की लीथियम खदान का ठेका

Lithium Reserves In CG and J & K : कोलकाता की कंपनी को मिला कटघोरा की लीथियम खदान का ठेका

Lithium Reserves In CG and J & K :

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इलैक्ट्रानिक वाहनों, मोबाइल और लैपटाप के लिए इसी से बनती है बैटरी

रायपुर/नवप्रदेश। Lithium Reserves In CG and J & K : भारत में फ़िलहाल दो राज्यों छत्‍तीसगढ़ और जम्‍मू- कश्‍मीर में लिथियम के भंडार मिले हैं। छत्‍तीसगढ़ के कटघोरा स्थित पहले लीथियम खदान की नीलामी कर दी गई है। कोलकाता की कंपनी को कटघोरा से लिथियम निकालने का ठेका मिला है। तत्संबंध में केंद्र सरकार ने जानकारी भी सार्वजनिक कर दी है।

देश में अब तक छत्‍तीसगढ़ और जम्‍मू- कश्‍मीर में लिथियम के भंडार मिले हैं। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी तथा कोयला और खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने यह जानकारी साझा की है। लिथियम ब्लॉक का टेंडर कोलकाता बेस्ड माइकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है।

माइकी साउथ माइनिंग कंपनी को टेंडर

नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी तथा कोयला और खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की नीलामी के चौथे दौर की शुरुआत करते हुए यह जानकारी दी है। देश के इस पहले लिथियम ब्लॉक का टेंडर माइकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने हासिल किया है। जिसे कटघोरा लिथियम और दुर्लभ खनिज (आरईई) ब्लॉक कंपनी को 76.05 प्रतिशत के नीलामी प्रीमियम पर दिया गया है।

तक़रीबन 250 हेक्टेयर में फैला है भंडार

दरसअल, कटघोरा में लिथियम मिलने की पुष्टि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने की है। जहां कटघोरा से लगे ग्राम घुचापुर के पास लिथियम की जो खदान मिली है वो तक़रीबन 250 हेक्टेयर में फैला है। जीएसआई के प्रारंभिक सर्वे में ही कटघोरा क्षेत्र में लगभग 250 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 10-2000 पीपीएम लीथियम कंटेन्ट पाया गया है। इस ब्लॉक में रेयर अर्थ एलीमेंट की भी मौजूदगी पाई गई है।

बैटरी बनाने में किया जाता है उपयोग

दुर्लभ धातु या रेयर अर्थ एलिमेंट में शामिल लीथियम का घनत्व कम होता है। रासायनिक दृष्टि से इसे काफी अहम माना जाता है, क्योंकि इसे छार धातु ग्रुप का माना गया है। लिथियम उपयोग मुख्‍य रुप से बैटरी बनाने में किया जाता है। कई तरह की रिचार्ज होने वाली बैटरियां भी इससे बनाई जाती है। रिचार्च होने वाली बैटरियों का उपयोग मुख्‍य रुप से वाहनों के साथ ही मोबाइल और लैपटाप आदि में होता है।

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