Liquor Shop Controversy Bhilai : स्टेडियम में खोली शराब की दुकान, विरोध करने पहुंचे पार्षद गिरफ्तार

Liquor Shop Controversy Bhilai

Liquor Shop Controversy Bhilai

खेल परिसर में शराब दुकान (Liquor Shop Controversy Bhilai) खोले जाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। खुर्सीपार के पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेडियम परिसर के बाहर बने शॉप एरिया में बुधवार को शराब दुकान शुरू होते ही स्थानीय पार्षद भूपेंद्र यादव विरोध दर्ज कराने पहुंचे।

आबकारी विभाग की शिकायत पर पुलिस ने उन्हें मौके से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया और निगम की सामान्य सभा (General Body Meeting) भी स्थगित करनी पड़ी।

खेल परिसर में शराब दुकान से भड़का विवाद

दरअसल, राजेंद्र प्रसाद नगर खुर्सीपार में पहले खुली शराब दुकान को भारी विरोध के बाद 17 सितंबर को बंद कर दिया गया था। यह वही इलाका है, जहां शराब के नशे में एक युवक की हत्या के बाद आक्रोश फैला था। इसके बाद आबकारी विभाग ने दुकान को एक किलोमीटर दूर न्यू खुर्सीपार स्थित स्टेडियम परिसर में शिफ्ट करने की योजना बनाई। पार्षद भूपेंद्र यादव और स्थानीय लोगों ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया था। उनका कहना था कि यह स्टेडियम बच्चों की खेल गतिविधियों का केंद्र है यहां एकेडमी संचालित होती है और कई खिलाड़ी यहीं से चयनित हुए हैं। ऐसे में शराब दुकान खुलने से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।

पुलिस ने पार्षद को भेजा जेल, निगम सदन में हंगामा

बुधवार को जैसे ही आबकारी विभाग ने स्टेडियम परिसर की दुकान में शराब बिक्री शुरू करवाई, पार्षद यादव मौके पर पहुंचे और आपत्ति जताई। इस दौरान पुलिस ने उन्हें प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। घटना की जानकारी निगम की सामान्य सभा तक पहुंची तो पार्षदों ने विरोध दर्ज कराया। पार्षदों ने कहा कि “जिस मुद्दे को पार्षद यादव ने इसी सदन में उठाया था, उसी पर अब उन्हें सजा दी जा रही है।” इसके बाद महापौर और अधिकांश पार्षदों ने कलेक्टर और एसपी से मुलाकात कर पार्षद की रिहाई की मांग की।

पहले भी हो चुका था विरोध

राजेंद्र प्रसाद नगर के फोरलेन किनारे शराब दुकान को लेकर पहले भी भारी विरोध हुआ था। प्रशासन ने उस समय दुकान हटाकर नई जगह शिफ्ट करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब उसी वार्ड में खेल परिसर के पास दुकान खोले जाने से विवाद और गहरा गया है। स्थानीय महिलाओं और खिलाड़ियों के अभिभावकों ने प्रशासन के निर्णय पर सवाल उठाते हुए दुकान को तुरंत हटाने की मांग की है।