Liquor Scam : 81 आरोपितों के खिलाफ 29,800 पन्नों की चार्जशीट पेश
Liquor Scam
छत्तीसगढ़ में 3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाला (Liquor Scam) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को 81 आरोपितों के खिलाफ लगभग 29,800 पन्नों की अंतिम चार्जशीट विशेष कोर्ट में पेश की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार दाखिल यह चार्जशीट इस जांच का अहम पड़ाव मानी जा रही है। अब कोर्ट में साक्ष्यों के आधार पर ट्रायल (परीक्षण) प्रक्रिया शुरू होगी।
ईडी ने इस जांच में ईओडब्ल्यू-एसीबी के सहयोग से कई पूर्ववर्ती अधिकारियों और राजनेताओं को शामिल करते हुए एफआइआर दर्ज की थी। चार्जशीट में आबकारी विभाग के अधिकारियों, कारोबारी, आठ डिस्टलरियों सहित कुल 81 लोगों के नाम शामिल हैं। ईडी की जांच में यह सामने आया कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में एक संगठित सिंडिकेट के जरिए करोड़ों की अवैध कमाई की गई थी।
चार्जशीट में प्रमुख आरोपी
चार्जशीट में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, चैतन्य बघेल, पूर्व आइएएस अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया और निरंजन दास जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा आबकारी अधिकारी जर्नादन कौरव, अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा, प्रमोद कुमार नेताम, रामकृष्ण मिश्रा, विकास कुमार गोस्वामी, इकबाल अहमद खान, नितिन खंडूजा, नवीन प्रताप सिंह तोमर, मंजू श्री कैसर, सौरभ बक्शी, दिनकर वासनिक, नीतू नोतानी ठाकुर, गरीबपाल सिंह दर्दी, नोहर सिंह ठाकुर, सोनल नेताम, प्रकाश पाल, अलख राम सिदार, आशीष कोसम, अनंत कुमार सिंह, जेठूराम मंडावी, गंभीर सिंह निरूटी, देवलाल विद्या, अश्विनी कुमार अनंत, वेदराम लहरे, लखनलाल ध्रुव, आशीष श्रीवास्तव, राजेश जायसवाल, मोहित जायसवाल, अरविंद सिंह, अमित सिंह, अदीप एग्रोटेक प्रा.लि., त्रिलोक सिंह ढिल्लन, एपी त्रिपाठी, छत्तीसगढ़ डिस्टलरी, नवीन केडिया, भाटिया वाइन मेर्चस, भूपेंद्र पाल सिंह भाटिया, वेलकम डिस्टलरी, राजेंद्र प्रसाद जायसवाल, सिद्धार्थ सिंघानिया, टाप सीक्रेट एंड फैसिलिटी मैनेजमेंट, ओम साईं बेवरेज, दिक्षिता प्रालि., नेक्सजोन समेत अन्य आरोपी शामिल हैं।
अधिकारियों और कारोबारी सिंडिकेट की भूमिका
चार्जशीट के अनुसार सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी और होटल कारोबारी अनवर ढेबर ने मिलकर शराब कारोबार में भारी अनियमितताएं कीं। इनकी इस संगठित गतिविधि से सरकार को 3,200 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति हुई। जांच में यह भी सामने आया कि सिंडिकेट ने कई बार पूरक चालान पेश किए और वित्तीय लेनदेन को छुपाने की कोशिश की।
अब शराब घोटाला (Liquor Scam) मामले में न्यायिक प्रक्रिया कोर्ट में आगे बढ़ेगी। चार्जशीट पेश होने के बाद ट्रायल में आरोपितों के खिलाफ साक्ष्यों और दस्तावेजों की जाँच की जाएगी। इस मामले की सुनवाई से छत्तीसगढ़ के भ्रष्टाचार नियंत्रण और सरकारी वित्तीय लेनदेन की पारदर्शिता पर बड़ा असर पड़ सकता है।
