जानें, सीएम ने किसे व क्यों कहा- आपको गाय-गाेबर से इतनी एलर्जी क्यों…
liquor cess issue in cg vidhansabha : चंद्राकर के सवालों से तीखी बहस
रायपुर/नवप्रदेश। liquor cess issue in cg vidhansabha : विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्रकाल में सेस के पैसे के इस्तेमाल को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष में जमकर कहासुनी हुई है। कृषिमंत्री रविंद्र चौबे के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वाकआउट भी कर दिया।
दरअसल भाजपा के अजय चंद्राकर ने अपने तारांकित सवाल में कृषिमंत्री रविंद्र चौबे से पूछा था कि गौठानों के विकास के लिए देशी व विदेशी मदिरा (liquor cess issue in cg vidhansabha) पर लगाए गए सेस से 31 जनवरी 2021 तक कितनी राशि प्राप्त हुई व इसमें से कितनी राशि गौठान विकास व गौधन न्याय योजना में गोबर खरीदी पर खर्च की गई, जिलेवार जानकारी दें।
इसके बाद इतनी तीखी बहस हुई भाजपा सदस्यों ने वाकआउट कर दिया और जब वे पहुंचे तो मुख्यमंत्री को भाजपा सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहना पड़ा कि आपको गाय और गोबर से काफी एलर्जी है। आपके लिए गाय और गोबर सिर्फ वोट मांगने का जरिया है।
ऐसे चलते गया सवाल जवाब और सवाल का चक्र
चंद्राकर के प्रश्र के लिखित जवाब में चौबे ने कहा कि जानकारी संकलित की जा रही है। इस जवाब पर चंद्राकर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक देशी व विदेशी शराब पर प्रति नग के हिसाब से सेस वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि 350 लाख रुपए इस मद से कृषि विभाग को प्राप्त हो चुके हैं। मंत्री चौबे ने यह भी बताया कि गौठान विकास के लिए सेस से 155 करोड़ की राशि वित्त विभाग की ओर से प्राप्त हुई है।
फिर चंद्राकर ने पूछा कि क्या गोधन न्याय योजना व गौठान योजना अलग-अलग है। मंत्री चौबे ने जवाब दिया हां। फिर चंद्राकर ने पूछा यदि ऐसा है तो सेस का दुरुपयोग क्यों किया जा रहा है। गौठान विकास के पैसों को गोधन न्याय में गोबर खरीदी पर कैसे खर्च किया जा रहा है। यह जांच का विषय है। इसकी जेपीसी से जांच कराई जानी चाहिए।
शिवरतन ने हां या ना में जवाब मांगा :
भाजपा के शिवरतन शर्मा ने कहा कि कृषिमंत्री ये बताए कि क्या सेस का पैसा किसी दूसरी योजना पर खर्च किया जा सकता है। इस पर कृषिमंत्री ने कहा हमने जिस पर्पज केे लिए सेस लगाया उसी पर्पज पर राशि खर्च कर रहे हैं। शिवरतन ने कहा ये जवाब नहीं हुआ आप तो हां या ना में जवाब दीजिए। चौबे ने वही जवाब दोराया।
नेता प्रतिपक्ष भी हुए हावी :
जिसके बाद नेता प्रतिपपक्ष धरमलाल कौशिक भी खड़ हो गए। उन्होंने कहा कि ये सरकार के रिकॉर्ड में है कि दोनों योजनाएं अलग-अलग हैं। और गोबर खरीदी पर 70 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं। इस पर मंत्री ने जवाब दिया-आप गोधन व गौठान को अलग-अलग क्यों देख रहे हैं। सभी भाजपा सदस्य जोर जोर से बोलने लगे दोनों अलग-अलग हैं। सेस एक योजना केे लिए लगाया गया और उसे खर्च दूसरे पर किया रहा है। सभी ने मंत्री के जवाब पर असंतुष्टता व्यक्त करते हुए सदने से बहिर्गमन का ऐलान किया और बाहर चले गए। जब वे लौटे तो फिर सीएम ने उन पर तंज कसा।