Leopard In Kanker Housing Board : तेंदुआ बनाम कॉलोनी…कांकेर की हाउसिंग बोर्ड कालोनी में डर का साया…स्कूल से गाय तक सब तेंदुए के निशाने पर…!

कांकेर, 3 जुलाई। Leopard In Kanker Housing Board : जंगल के जानवरों का शहर की ओर रूख आम बात हो गई है। कांकेर मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भालू तेंदुआ का आवागमन सामान्य हो चली है। बीते महीने दो महीने से जंगल का खूंखार तेंदुआ की धमक से लोगो में दहशत का माहौल है।
बीते जून महीने से इमली पारा हाउस्मिंग बोर्ड कालोनी में तेंदुआ रोज़ाना कालोनी के भीतर पहुंच रहा है। इतना ही नहीं 21=22 जून की दरमियानी रात तकरीबन 8 से 8:30 बजे के बीच तेंदुआ ने एक गाय पर हमला कर दिया तेंदुआ के हमले में गाय की मौत हो गई तेंदुआ और गाय के हमले को कालोनी में रहने वाले लोगों ने प्रत्यक्ष रूप से देखा गया है।अगले दिन पुनः रात्रि पौने आठ बजे तेंदुआ कालोनी अन्दर आकर छुप गया कालोनी में रहने वाले कुछ लोगों की नज़र तेंदुए पर पड़ने के बाद कालोनी वासीयो में फिर दहशत का माहौल निर्मित (Leopard In Kanker Housing Board)है।
1 जुलाई दिन मंगलवार की रात्रि करीब 08 से 09 बजे के बीच हाऊसिंग बोर्ड कालोनी के दिवाल को लांघ रहा था इस दौरान पास में रहने वालों ने तेंदुआ का वीडियो बनाया गया तेंदुए ने आवाज़ सुनकर दिवाल कूदकर भाग गया दिवाल से कूदने पश्चात सड़क पर गाय के बछड़े को अपना शिकार बना लिया। सोशल मीडिया में ख़बर वायरल होने के बावजूद वन अमला नहीं पहुंचा। सुबह तक वन विभाग के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी ने मौके पर पहुंचकर तेंदुए के रेस्क्यू करने सुध तक नहीं लिया गया।
कॉलोनी में सौ स्ट्रीट लाइट लगी आधे अधिक बंद..
अंधेरे का फ़ायदा उठाकर
पहुंचते है जंगली जानवर..
हाउसिंग बोर्ड कालोनी इमली पारा का निर्माण विगत आठ साल पहले पूर्ण हो चुका है। करीबतीन सौ मकान में लोग निवासरत है कॉलोनी में छोटे बच्चों की संख्या अनुमानित 200 के आसपास होगी। शुरुआत में कॉलोनी के सभी स्ट्रीट लाइट जल रही थी। लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया स्ट्रीट लाइट बंद हो चुका है। हाउसिंग बोर्ड कालोनी के अधिकारी कर्मचारी भी बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट को बनाने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे (Leopard In Kanker Housing Board)है। कॉलोनी वासियों की माने तो बंद स्ट्रीट लाइट से कॉलोनी में अंधेरा हो जाता है अंधेरे का फ़ायदा उठाकर भालू तेंदुआ जैसे खतरनाक जंगली जानवर रिहायशी इलाके में पहुंच रहे है। समय रहते तेंदुए को पकड़कर अन्यत्र जंगल में bhejme की मांग किया गया है।
कॉलोनी में बड़ी बड़ी झाड़ उगने से बढ़ा खतरा….
बजबजाती नालियों की नियमति सफ़ाई नहीं होने से पनप रही बीमारी!
हाउसिंग बोर्ड कालोनी इमली पारा रामनगर का निर्माण हुए करीब 8साल हो चुका है। बीते 08साल से कालोनी में करीब तीन सौ परिवार काबिज़ है। इन आठ सालों में
कालोनी की नियमित साफ सफाई कभी नहीं हुई। बजबजाती नालियों की नियमित सफ़ाई नहीं होने से मच्छर मक्खी के अलावा जहरीले कीड़े मकोड़े निकलते है। कालोनी के भीतर बड़ी बड़ी झाड़ियों की सफ़ाई नहीं होने से अंधेरे में जंगली जानवरों का डर हमेशा बना होता है। कालोनीवासियों ने लगातार जगह जगह झाड़ियों बजबजाती नालियों की सफाई के लिए छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के कार्यालय में सैकड़ों शिकायत पत्र दिए जाने के बावजूद विभागीय अधिकारियों ने कालोनी की साफ सफाई को लेकर सुध लेते दिखे ही नहीं। नतीजन यह है कि पहले भालू और अब तेंदुआ की धमक ने कालोनी वासियों को दहशत में डाल दिया है।
तेंदुए की धमक से कालोनी में दहशत का माहौल बच्चे घरों में कैद!
तेंदुए की दहशत से बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे!
इमली पारा हाउस्मिंग बोर्ड कालोनी में बीते चार दिनों से तेंदुए की आने से कालोनी में दहशत का माहौल बन गया है। सबसे अहम बात यह है कि कालोनी से सटे निजी स्कूल संचालित है इस स्कूल में कालोनी के 80% बच्चे अध्ययन करते (Leopard In Kanker Housing Board)है।तेंदुए के रोज़ाना कालोनी पहुंचने की खबर के बाद से कालोनी के अधिकांश बच्चो को डर के कारण परिजन स्कूल तक नहीं भेज रहे है।
वन विभाग को सूचना के बावजूद बेसुध क्या हादसे का इंतजार कर रहा विभाग!
बीते चार दिनों से इमली पारा हाउस्मिंग बोर्ड कालोनी में तेंदुआ पहुंच रहा है। इन चार दिनों में तेंदुए ने एक मवेशी को अपना शिकार बना चुका है। और रोजाना तेंदुआ कालोनी में पहुंच रहा है। लेकिन वन विभाग की बात करे तो वन विभाग का अमला मंगलवार को सोशल मीडिया की खबर को लेकर मात्र दो लोग पहुंचे थे। बस थोड़ी देर जांच पड़ताल कर वापस लौट गए। इधर कालोनी में रहने वाले कालोनीवासी तेंदुआ को लेकर दहशत में दिन कट रहे हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर वन विभाग किसी गंभीर हादसे के बाद अपनी कुंभकर्णी नींद से जागेगी!