संपादकीय: विवादास्पद बयानबाजी से बाज आये नेता

संपादकीय: विवादास्पद बयानबाजी से बाज आये नेता

Leaders should refrain from making controversial statements

Leaders should refrain from making controversial statements

Leaders should refrain from making controversial statements: भारत और पाकिस्तान के बीच ज्यौं-ज्यौं एक और जंग की संभावना बढ़ रही है त्यौं-त्यौं भारत के बयानवीर नेताओं के बीच विवादास्पद बयानबाजी की प्रतिस्पर्धा भी तेज होती जा रही है। एक ओर तो प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियां यह दम भर रही हैं कि वे आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी तरह की कार्यवाही में सरकार के साथ हैं।

वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों के नेता सरकार और सेना पर सवालिया निशान लगाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। यह ठीक है कि विपक्ष को सरकार से सवाल करने का हक है लेकिन आज जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इस कदर बढ़ गया है कि कभी भी दोनों देशों के बीच एक और जंग की नौबत आ सकती है तब ऐसी स्थिति में विपक्षी नेताओं को कम से कम सेना पर तो सवाल नहीं उठाना चाहिए क्योंकि इससे भारतीय सेना का मनोबल गिर सकता है।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में एक बार फिर सरकार को पूर्ण समर्थन देने का प्रस्ताव पारित किया गया लेकिन इसके तत्काल बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने भारतीय सेना द्वारा पूर्व में पाकिस्तान के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर विवादास्पद बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक का कोई सबूत सामने नहीं आया है। किसी को कुछ पता नहीं है कि इस सर्जिकल स्ट्राइक में क्या हुआ था। वे आज भी सबूत का इंतजार कर रहे हैं।

चरणजीत सिंह चन्नी के इस बयान के बाद बवाल मचा तो उन्होंने यह स्पष्टीकरण दे दिया कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। जबकि उन्होंने जो कुछ भी कहा है वह पब्लिक डोमेन में है। दरअसल कांग्रेस हाईकमान की फटकार लगने के बाद उन्होंने अपने बयान पर लिपा पोती करने की कोशिश की थी। गौरतलब है कि जिस समय भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल की थी उस समय भी कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों केे नेताओं ने सेना के सौर्य पर प्रश्न चिन्ह लगाया था जबकि भारतीय सेना ने खुद ही मीडिया के सामने सर्जिकल स्ट्राइक का पूरा ब्यौरा पेश किया था।

इसी तरह उत्तरप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने भी एक वीडियो जारी किया है जिसमें वे खिलौना विमान हाथ में लेकर यह पूछ रहे हैं कि आखिर इस राफेल का भारतीय सेना कब उपयोग करेगी। जिसमें नीबू मिर्ची बांधकर रखा गया है। अजय राय के इस वीडियो को लेकर भी जब उनपर चौतरफा हमला होने लगा तो उन्होंने भी यह सफाई दी है कि वे भारतीय सेना का अपमान नहीं कर रहे हैं। बल्कि इस वीडियो के माध्यम से सवाल कर रहे हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ आखिर राफेल का उपयोग कब किया जाएगा। इसी तरह अन्य विपक्षी पार्टियों के नेता भी लगातार इसी तरह के विवादास्पद बयान दे रहे हैं कि जो कतई उचित नहीं है। इन विपक्षी पार्टियों को धैर्य रखना चाहिए और अपनी सरकार तथा भारतीय सेना पर अपना विश्वास कायम रखना चाहिए।

जब सरकार कह रही है कि इस बार वह आतंकवाद की जड़ पर करारा प्रहार करेगी और आतंकवाद के पर्याय बन चुके पाकिस्तान को करारा जवाब देगी तो विपक्षी नेताओं को इस बारे में संयम से काम लेना चाहिए। सरकार पाकिस्तान के खिलाफ लगातार कार्यवाही कर ही रही है और अब तो उसने पूरे देश में मॉक ड्रील कराने का भी फैसला ले लिया है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के लोगों को जागरूक करने के लिए 7 मई को पूरे देश में मॉक ड्रील करने का निर्देश दे दिया है। इससे स्पष्ट है कि भारत पाकिस्तान को सबक सिखाने की युद्ध स्तर पर तैयारी कर रहा है लेकिन वह जल्दबाजी में ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहता जिससे भारत को थोड़ी भी क्षति पहुंचे। इसलिए विपक्षी पार्टियों के बयानवीर नेताओं को इस संवेदनशील मुद्दे पर विवादास्पद बयानबाजी करने से बाज आना चाहिए।

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