Lawyer Suspension : सीजेआइ पर जूता फेंकने वाले वकील के खिलाफ बड़ा कदम, देशभर में लगी वकालत पर रोक

Lawyer Suspension : सीजेआइ पर जूता फेंकने वाले वकील के खिलाफ बड़ा कदम, देशभर में लगी वकालत पर रोक

Lawyer Suspension : प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने के प्रयास की घटना पर बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआइ) ने सख्त रुख अपनाया है। काउंसिल के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने (Lawyer Suspension) आरोपित वकील राकेश किशोर का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।

इस निलंबन की अवधि में (Lawyer Suspension) वकील राकेश किशोर देश की किसी भी अदालत या ट्रिब्युनल में वकील के तौर पर पेश नहीं हो पाएंगे। 15 दिन के भीतर उन्हें नोटिस का जवाब देना होगा कि क्यों न यह आदेश स्थायी कर दिया जाए। काउंसिल ने कहा कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक (Lawyer Suspension) कार्रवाई भी की जाएगी।

बीसीआइ ने दिल्ली बार काउंसिल से कहा है कि वह (Lawyer Suspension) निलंबन की प्रक्रिया को अपडेट करे। सुप्रीम कोर्ट, सभी हाई कोर्ट और ट्रिब्युनलों को आदेश भेजा जाएगा ताकि स्पष्ट हो कि वकील राकेश किशोर निलंबित हैं और किसी भी अदालत में पेश नहीं हो सकते। काउंसिल ने कहा कि उनका आचरण अदालत की गरिमा और न्यायिक नियमों के विरुद्ध है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट आन रिकार्ड एसोसिएशन ने भी प्रस्ताव पारित कर इस घटना की कड़ी निंदा की।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि बार और बेंच दोनों न्याय प्रणाली के दो स्तंभ हैं। यदि कोई व्यक्ति इस पवित्र रिश्ते को कमजोर करता है तो वह सिर्फ संस्था ही नहीं बल्कि पूरे देश के न्यायिक ढांचे को नुकसान पहुंचाता है। सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट आन रिकार्ड एसोसिएशन ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह स्वत: संज्ञान लेकर न्यायालय की अवमानना की (Lawyer Suspension) कार्रवाई शुरू करे।

सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश की अदालत में हुई यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह इंटरनेट मीडिया की भ्रामक जानकारी का परिणाम है। उन्होंने यह भी कहा कि यह संतोषजनक है कि प्रधान न्यायाधीश ने उदारता से प्रतिक्रिया दी, लेकिन उम्मीद करनी चाहिए कि इसे संस्था की कमजोरी न समझा जाए।

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