Lawyer Apology Accepted : न्याय पर भरोसा टूटा, फिर लौट आया….अवमानना मामले में वकील की माफ़ी स्वीकार…हाई कोर्ट ने कार्यवाही की समाप्त…

Lawyer Apology Accepted
न्यायिक व्यवस्था पर कथित टिप्पणी करने वाले वकील सैमसन मसीह ने जब कोर्ट के सामने बिना शर्त खेद जताया, तो हाई कोर्ट ने भी न्याय के साथ करुणा दिखाई और मामला खत्म किया।
Lawyer Apology Accepted : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अवमानना के एक संवेदनशील मामले में अधिवक्ता सैमसन सैमुअल मसीह की बिना शर्त माफ़ी को स्वीकार कर लिया और न्यायिक कार्यवाही को यहीं समाप्त करने का आदेश दिया।
यह मामला फैमिली कोर्ट(Lawyer Apology Accepted) से जुड़ी एक याचिका का था, जिसमें 3 जुलाई को जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की बेंच के फैसले के बाद वकील मसीह ने कथित टिप्पणी की, “मुझे पहले से पता था कि इस बेंच से न्याय नहीं मिलेगा।इस बयान को न्यायपालिका की अवमानना माना गया और उन्हें कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने का नोटिस भेजा गया।“
माफी, पश्चाताप और न्याय की परिपक्वता
18 जुलाई को वकील(Lawyer Apology Accepted) मसीह सिंगल बेंच के सामने पेश हुए और मौखिक खेद जताया। डिवीजन बेंच की अगली सुनवाई में, उन्होंने हलफनामा दाखिल करके बिना शर्त माफ़ी मांगी और फिर से पश्चाताप भी जताया।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभू दत्त गुरु की टिप्पणी
जब कोई व्यक्ति अपनी गलती को स्वीकार कर पश्चाताप करता है, तो न्याय का मूल उद्देश्य दंड नहीं, सुधार होता है। इसलिए अदालत ने अवमानना की कार्यवाही को समाप्त कर दिया।