Kuno Forest Retreat : कूनो में प्रकृति, रोमांच और संस्कृति का उत्सव: “कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट” के द्वितीय संस्करण का भव्य शुभारंभ

Kuno Forest Retreat

Kuno Forest Retreat

मध्यप्रदेश की धरती—जहाँ 70 साल बाद चीतों की वापसी को इतिहास में दर्ज किया गया—अब एक नए रोमांच, प्रकृति और संस्कृति के अनूठे उत्सव “कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट” (Kuno Forest Retreat 2025) की साक्षी बन रही है। श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में 14 नवंबर को इस मेगा आयोजन के द्वितीय संस्करण का भव्य शुभारंभ हुआ।

पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में आयोजित यह रिट्रीट पर्यटन, वन्यजीव और संस्कृति (Madhya Pradesh eco tourism) का एक ऐसा अनूठा संगम है, जो आगंतुकों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि यह आयोजन कूनो—जिसे “चीतों का घर” कहा जाता है—को वैश्विक स्तर पर एक सस्टेनेबल टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करेगा और स्थानीय कला, शिल्प व व्यंजनों को राष्ट्रीय–अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा।

रिट्रीट का औपचारिक शुभारंभ सहरिया विकास अभिकरण के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा) श्री सीताराम आदिवासी ने दीप प्रज्वलित कर किया।

इको-टूरिज्म का राष्ट्रीय गंतव्य बनेगा कूनो

अपर मुख्य सचिव पर्यटन एवं टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि यह फॉरेस्ट रिट्रीट प्रदेश की प्राकृतिक धरोहर, वन्यजीव संरक्षण और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव (cheetah conservation festival) है।

उन्होंने कहा—

“यह आयोजन केवल एक फेस्टिवल नहीं, बल्कि विश्व-प्रशंसित ‘चीता पुनर्वास परियोजना’ का उत्सव भी है, जिसका उद्देश्य पर्यटकों को प्रकृति से जोड़ना और स्थानीय समुदायों को रोजगार उपलब्ध कराना है।”

25 लग्ज़री ग्लैंपिंग टेंट—रोमांच और शांति का संगम

इवोक कैंपिंग के सहयोग से आयोजित इस आयोजन में आगंतुकों के लिए 25 ऑल-सीजन लग्ज़री ग्लैंपिंग टेंट स्थापित किए गए हैं, जो कूनो के निर्मल जंगलों के बीच प्रकृति की गोद में रहने का अनूठा अवसर (luxury nature retreat) प्रदान करते हैं।

रिट्रीट में उपलब्ध प्रमुख गतिविधियाँ—

जंगल सफारी

थल आधारित साहसिक गतिविधियाँ

वायु आधारित एडवेंचर

योग एवं ध्यान सत्र

वेलनेस एक्टिविटीज

विलेज टूर

इन अनुभवों का उद्देश्य आगंतुकों को प्रकृति, स्वास्थ्य और संस्कृति के बीच एक सुंदर संतुलन प्रदान करना है।

सांस्कृतिक संध्या—लोककला और नृत्य ने मोहा मन

उद्घाटन की शाम आयोजित सांस्कृतिक संध्या ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

पारंपरिक बधाई नृत्य ने भगवान राम और कृष्ण के जन्म प्रसंगों को जीवंत किया।

बुंदेलखंड का प्रसिद्ध नौरता नृत्य दर्शकों के बीच विशेष आकर्षण रहा।

साथ ही स्थानीय जनजातीय कला, हस्तशिल्प और लोकव्यंजनों की प्रदर्शनी (Madhya Pradesh tourism festival) के माध्यम से आगंतुकों को प्रदेश की सांस्कृतिक आत्मा से गहराई से जोड़ा गया।

वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति

इस अवसर पर पर्यटन बोर्ड, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे और कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट की व्यवस्थाओं की सराहना की।

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