Navpradesh Exclusive: कोटा ही क्यों, अन्य राज्यों में पढ़ने गए इन नाबालिग छात्रों की कौन लेगा सुध?

Navpradesh Exclusive: कोटा ही क्यों, अन्य राज्यों में पढ़ने गए इन नाबालिग छात्रों की कौन लेगा सुध?

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बलौदाबाजार/रायपुर/महासमुंद/जांजगीर चांपा/नवप्रदेश। कोटा (kota) में अध्ययनरत बच्चों की वापसी की चिंता लॉकडउन के इस दौर में छत्तीसगढ़ (chhatisgarh government) के साथ ही प्राय: हर उस राज्य की सरकार कर रही है, जहां के बच्चे कोटा में अध्ययनरत हैं। लेकिन इस सबके बीच उन बच्चों की वापसी पर और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है जो दूसरे राज्यों के नवोदय विद्यालय (navoday vidyala)  में पढ़ने गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार माना कैंप रायपुर (raipur navodaya vidyalaya stranded in karnataka) के नवोदय विद्यालय में कक्षा 9वीं के 24 विद्यार्थी अभी भी कर्नाटक के शिमोगा नवोदय विद्यालय (shimoga navoday vidyalaya karnatka)  में ही हैं।

इनमें बलौदाबाजार के 17, रायपुर के 4 व गरियाबंद के 3 बच्चे हैं। खास बात यह है कि इन बच्चों की उम्र कोटा (kota) में पढ़ रहे बच्चों से भी कम हैं। जबकि कोटा में पढ़ रहे अधिकतर बच्चे बालिग हैं। रायपुर (raipur navodaya vidyalaya student stranded in karnataka) के अलावा प्रदेश (chhattisgarh) के कुछ अन्य जिलों में स्थित नवोदय विद्यालयों (navodaya vidyalya) के छात्र भी दूसरे राज्यों में फंसे हैं। हालांकि इन छात्रों को हफ्तेभर बाद कुछ राहत मिल सकती है। नवोदय विद्यालय सूत्रों के मुताबिक इन छात्रों की वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जा सकती है। इसके लिए रूट डिसाइड हो रहा है।

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नाबालिग होने से ज्यादा हो रही चिंता

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माना कैंप रायपुर के नवोदय विद्यालय में कक्षा 9वीं के विद्यार्थी हैं।  उम्र 14-15 साल है। लिहाजा मनोवैज्ञानिक तरीके से देखा जाए तो इन बच्चों की वापसी पहले होनी चाहिए। नाबालिग होने के कारण इनके मन पर मौजूदा स्थितियों में अपने माता-पिता से दूर रहने का असर उन बच्चों की तुलना में ज्यादा हो सकता है, जो बच्चे खुद को संभाल पाने में सक्षम हैं। इन बच्चों के पालकों की मानें तो उनकी ओर से कलेक्टर व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के जरिए शासन को इन बच्चों के कर्नाटक के स्कूल में होने की सूचना दे दी गई। अभिभावकों को चिंता इसलिए भी हो रही है क्योंकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई को खत्म होने के बाद यात्री रेल सेवा शुरू हो पाएुगी। अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे वापस आने पर वे उन्हें होम क्वारंटाइन में रखेंगे और कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हर  निर्देश का पालन करेंगे।     

शिमोगा नवोदय विद्यालय में बचे छग के ही सिर्फ 24 छात्र

प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्नाटक के शिमोगा के नवोदय विद्यालय में अब छत्तीसगढ़ के ही 24 छात्र बचे हुए हैं। वहां के स्थानीय सभी बच्चों को उनके घर भेज दिया गया है। बच्चों का वहां मन नहीं लगने का यह भी एक कारण है। उन्हें लगता है कि वे ही वहां फंसे हुए हैं।

इसलिए गए कर्नाटक

देश के हर नवोदय विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को कक्षा 9वीं में तीसरी भाषा के अध्ययन के लिए दूसरे राज्यों के नवोदय विद्यालयों में भेजा जाता है। इसके लिए हर साल 24 छात्रों का चयन किया जाता है। इसी नियम के तहत माना कैंप स्थित नवोदय विद्यालय के भी 24 छात्रों को कर्नाटक के शिमोगा नवोदय विद्यालय कन्नड़ भाषा सीखने के लिए भेजा गया है।

कर्नाटक के बच्चे भी छत्तीसगढ़ में

जिस तरह छत्तीसगढ़ के बच्चे दूसरे राज्यों के नवोदय विद्यालयों में हैं। उसी तरह अन्य राज्यों के बच्चे भी छत्तीसगढ़ के नवोदय विद्यालय में हैं। कर्नाटक के 22 बच्चे माना कैंप स्थित नवोदय विद्यालय में हिंदी सीखने के लिए आए हैं। ये सभी अभी माना में ही हैं।

दो बार का रिजर्वेशन कैंसल

शिमोगा नवोदय विद्यालय प्रशासन द्वारा छत्तीसगढ़ के छात्रों की वापसी  के लिए पहले 31 मार्च का रिजर्वेशन कराया गया था। लेकिन 24 मार्च की रात से 14 दिन का लॉकडाउन लगने के कारण इसे कैंसल करना पड़ा। फिर 17 अप्रैल का रिजर्वेशन कराया गया। लेकिन फिर लॉकडाउन का दूसरा चरण शुरू हो गया।

हफ्तेभर में या इसके बाद पालकों के लिए आएगी अच्छी खबर

देशभर के नवोदय विद्यालयों में पढ़ रहे अन्य राज्यों के कुछ बच्चे तो अपने राज्य चले गए हैं। लेकिन कुछ बच्चे अभी भी दूसरे राज्यों के नवोदय विद्यालयों में हैं। इन्हें लाने का प्रयास मिनिस्ट्री लेवल पर चल रहा है। नवोदय विद्यालय समिति के कमिश्नर मानव संसाधन विकास मंत्रालय से लगातार संपर्क में हैं। एचआरडी मिनिस्ट्री बच्चों को उनके राज्य पहुंचाने की व्यवस्था के लिए रेलेवे के संपर्क में हैं। इसके लिए स्पेशल ट्रेन चलाने पर विचार किया जा रहा है। अभी रूट डिसाइड करने को लेकर चर्चा हो रही हैं। सभी रिजन के  डिप्टी कमिश्नर भी प्राचार्यों के साथ बैठक कर रहे हैं। उम्मीद है कि 2-3 दिन में रूट डिसाइड हो जाएगा और हफ्ते भर या हफ्ते भर बाद इन बच्चों के पालकों के लिए राहत की खबर आ जाएगी।

-यूपी पाणी, प्राचार्य, नवोदय विद्यालय, माना कैंप, रायपुर  

जांजगीर चांपा विद्यालय ने ओडिशा के गंजम से बच्चे कर लिए एक्सचेंज :

जांजगीर चांपा नवोदय विद्यालय में ओडिशा के गंजम नवोदय विद्यालय के बच्चे आए हुए थे और यहां के बच्चे गंजम में थे। लेकिन लॉकडाउन की सूचना मिलते ही जांजगीर चांपा विद्यालय प्रशासन ने अनुमति जिला प्रशासन से अनुमति लेकर व गंजम नवोदय विद्यालय से संपर्क साध बच्चों को एक्सचेंज कर लिया। इसके लिए गंजम से एक बस आधे दूर पहुंची व जांजगीर के बच्चों को लेकर बस आधे दूर पहुंची।

-श्री पटेल, शिक्षक, नवोदय विद्यालय जांजगीर चांपा

चार राज्यों की सीमाओं के कारण आ रही समस्या

कर्नाटक के हावेरी नवोदय विद्यालय के बच्चे हमारे यहां हैं और हमारे यहां के बच्चे वहां हैं। हमने कर्नाटक के बच्चों को बस से पहुंचाने व वहां से अपने बच्चों को लाने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति के लिए आवेदन किया है। लेकिन कलेक्टर महोदय की ओर से इंतजार करने के लिए कहा गया है। कर्नाटक पहुंचने चार राज्यों की सीमा से गुजरना होगा इसलिए भी कठिनाई आ रही है। वहीं केंद्र सरकार की ओर से भी प्रयास किए जा रहे हैं।

-प्रशांत रहाटे, प्राचार्य, नवोदय विद्यालय महासमुंद   

रायपुर के नवोदय विद्यालय के बच्चों को वापस लाने के लिए शासन स्तर पर व्यवस्था की जा रही है।

-डॉ. एस भारतीदासन, कलेक्टर, रायपुर

अभी लॉकडाउन है। कोई मूवमेंट नहीं हो सकता। हमने कर्नाटक के नवोदय विद्यालय प्रशासन से कहा है कि वे बच्चों के खान-पान चिकित्सा व अन्य सभी जरूरी सुविधाओं का अच्छे से ध्यान रखे।  

-कार्तिकेय गोयल, कलेक्टर, बलौदाबाजार

https://www.youtube.com/watch?v=6FBxpoMbueo

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