हाथियों ने घेरा तो ‘अनुभवी’ प्रभारी डीएफओ भी हो गए असहज, वन अमले ने…
- मामला कटघोरा वनमंडल का, पहले से जांजगीर के प्रभारी डीएफओ का पद संभाल रहे उपाध्याय को बनाया गया है कटघोरा का डीएफओ
कोरबा/नवप्रदेश। कोरबा (korba violent elephant ) के जंगलों में हाथियों के उत्पात की खबरें आम हैं। ऐसे ही ताजा मामले में दो-दो वनमंडल के प्रभारी डीएफओ (in charge dfo) का पद संभाल रहे अफसर को हाथियों ने घेर लिया (stranded)।
लेकिन खुद की जान बचाने में वन मामलों के काफी अनुभवी बताए जाने वाले इन अफसर का अनुभव काम न आ सका और आखिर उनकी जान बचाई मैदानी वन अमले (forest team) ने।
मामला कटघोरा वनमंडल (katghora forest division) का है और बात हो रही है इसी वनमंडल के प्रभारी डीएफओ का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे जितेंद उपाध्याय की। पहले से जांजगीर वनमंडल के प्रभारी डीएफओ (in charge dfo) का पद संभाल रहे उपाध्याय काे उन्हें अनुभवी बताते हुए कटघोरा वनमंडल का भी प्रभारी डीएफओ बनाया गया है।
बीते दिनों कटघोरा वनमंडल (katghora forest division) में दलदल में फंसी हथनी की मौत हो जाने के मामले में वन विभाग की लापरवाही सामने आने पर कटघोरा के डीएफओ को निलंबित कर दिया गया था। जिसके बाद उपाध्याय को यहां की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कटघोरा का चार्ज मिलने पर पहली बार निकले थे दौरे पर
कटघोरा का चार्ज मिलने के बाद उपाध्याय शुक्रवार को पहली बार इस क्षेत्र के दौरे पर निकले। इस दौरान डीएफओ खुद हाथियों के फेर में फंस गए (stranded)। स्थिति ये बन गई कि यदि वन अमला मौके पर न होता तो उनका हाथियों के फेर से निकलना मुश्किल था।
केंदई परिक्षेत्र में पहली बार दौरे पर निकले प्रभारी डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय और वन अमले को शुक्रवार को दो घंटे हाथियों ने घेरे रखा।
उन्हें ग्राम खुरूपारा के पास हाथियों ने सड़क के दोनों से घेर लिया। इसके बाद उड़नदस्ता टीम ने किसी तरह हाथियों को खदेड़ा तो डीएफओ समेत वन अमला लौटा। गांव के दो परिवारों को भी सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया। कोरबा (korba violent animal) के जंगलों में हाथियों के विभिन्न कारणों से हिंसक होने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।
इसलिए निकले थे दौरे पर
कोरबी सर्किल में दो हाथियों की मौत के बाद दल इसी क्षेत्र में घूम रहा है। डीएफओ का प्रभार लेने के बाद उपाध्याय हाथी उत्पात की जानकारी लेने शुक्रवार दोपहर 2 बजे पहुंचे थे। वे कच्ची सड़क से जा रहे थे, लेकिन जब तक गांव पहुंच पाते, हाथियों से सामना हो गया। इसके बाद कुछ हाथी सड़क के दूसरे छोर में भी खड़े हो गए। इससे निकालने का रास्ता बंद हो गया। काफी देर तक डीएफओ के साथ वन विभाग की टीम खड़ी रही। शाम 4 बजे डीएफओ के साथ वन अमला लौटा।
ग्राम खुरूपारा के दो परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया
ग्राम खुरूपारा में दो परिवार बस्ती से अलग रहते हैं। हाथी दो दिन से आसपास ही घूम रहे थे। रामकुमार पिता सुखराम व रामचरण पिता भुवाल सिंह राजवाड़े के परिवार को उड़नदस्ता टीम ने घर से निकाला और गजराज वाहन में सुरक्षित ले गया। ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों के डर से रतजगा करना पड़ रहा है। गुरुवार को हाथियों ने पनगवां, सरमा में उत्पात मचाते हुए मकानों को तोड़ दिया था। वहीं हर दिन रबी फसल को चौपट कर रहे हैं।
दो हाथियों की मौत के बाद हाथी हो गए हैं आक्रामक
कोरबी सर्किल के पाली पंचायत में कुल्हरिया के पास 15 दिन के भीतर दो हाथियों की मौत हो गई। एक हाथी पहाड़ी से गिर गया था। दूसरा हाथी बीमार होने की वजह से बैठा तो उठ ही नहीं पाया। समय पर इलाज नहीं होने के कारण हाथी की मौत हो गई। अभी इसकी जांच भी चल रही है। इसके बाद से 45 हाथी आसपास उत्पात मचा रहे हैं।
शुक्रवार को केंदई वन परिक्षेत्र के दौरे पर निकले थे। इस दौरान हाथियों का दल कच्ची सड़क के दोनों ओर खड़ा हो गया था। जिससे रास्ता ब्लाक हो चुका था ऐसे में निकलना बेहद मुश्किल हो गया था। वन अमले की टीम के सहयोग से हाथियों को खदेड़ा गया। केंदई रेंज में लगभग 40 हाथी विचरण कर रहे हैं।
-जितेंद्र उपाध्याय, प्रभारी डीएफओ, कटघोरा